माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी है कदमों में जिसके जन्नत,
सोचो उसके सर का मकाम क्या होगा।
सब तरह की दीवानगी से मुखातिब हुए हम,
पर माँ जैसा चाहने वाला जमाने भर में ना था।
आँख खोलू तो चेहरा मेरी माँ का हो,
आँख बंद हो तो सपना मेरी माँ का हो,
मैं मर भी जाऊँ तो भी कोई गम नहीं,
लेकिन कफन मिले तो दुपट्टा मेरी माँ का हो।
माँग लूं ये मन्नत की फिर यही जहां मिले,
फिर वही गोद मिले फिर वही माँ मिले।
किसी भी मुस्किल का अब,
किसी को हल नहीं निकलता,
शायद अब घर से कोई,
माँ के पैर छुकर नहीं निकलता,
बूढी हुई माँ तो हाथ पकड़ने को शर्माते हो,
भूल गए बचपन मे गोद मे बैठकर रोटी खाई है।
वही मेरी दौलत है और वही मेरी शान है,
उसके कदमों में ही तो मेरा सारा जहान है।
घर में धन, दौलत, हीरे, जवाहरात सब आए,
लेकिन जब घर में मां आई तब खुशियां आई।
इन आँखों के कारण ही तुझे दिल ने अपनाया था,
ये दिल भी यूं अक्सर ही आँखों को भिगोया था,
चलने को तो मैं भी चला जाता ज़माने से पर,
उस अंगुली को कैसे भूलता जिसने कभी चलना सिखाया था।
इस दुनिया में जितने रिश्ते, सारे झूठे बेहरूप,
एक माँ का रिश्ता सबसे अच्छा, माँ है रब का रूप।
न तेरे हिस्से आयी न मेरे हिस्से आयी,
माँ जिसके जीवन में आयी उसने जन्नत पायी।
जमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गया,
मां ने सर पर हाथ रख दिया तो मरहम लग गया।
रब से करू दुआ बार-बार,
हर जन्म मिले मुझे माँ का प्यार,
खुदा कबूल करे मेरी मन्नत,
फिर से देना मुझे माँ के आंचल की जन्नत।
उसे है ईश्वर ने बनाया कुछ इस तरह,
की अपने दिल में किसी को भी दे दे वह जगह,
बस थोड़ा सम्मान और आदर है माँगती,
मेरी माँ है सब कुछ जानती।
मंजिल दूर है और सफर बहुत है,
छोटी सी जिंदगी की फिक्र बहुत है,
मार डालती यह दुनिया कब की हमें,
लेकिन माँ की दुआओं में असर बहुत है।
हर इन्सान की जिंदगी में वह सबसे खास होती है,
दूर होते हुए भी वो दिल के पास होती है,
जिसके सामने मौत भी अपना सिर झुका दे,
वह और कोई नहीं बस माँ होती है।
तेरी डिब्बे की वो दो रोटियां कहीं बिकती नहीं माँ,
महंगे होटलों में आज भी भूख मिटती नहीं माँ।
माँ हाथ रख दे सिर पर तो हिम्मत मिल जाए,
माँ मुस्कुरा दे एक बार तो जन्नत मिल जाए।
माँग लूं यह दुआ की फिर यही जहां मिले
फिर वही गोद मिले फिर वही माँ मिले।
रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,
चोट लगती है हमें और तड़पती है माँ,
हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें,
जब मुसीबत आती है तो याद आती है माँ।