रोटी वो आधी खाती हे मगर,
अपने बच्चो को पूरा खिलाती हे,
चाहे मेरी माँ हो या तुम्हारी,
दोस्तों माँ सबकी ऐसी ही होती हे।
हर इन्सान की जिंदगी में वह सबसे खास होती है,
दूर होते हुए भी वो दिल के पास होती है,
जिसके सामने मौत भी अपना सिर झुका दे,
वह और कोई नहीं बस माँ होती है।
उस रब से दुआ है, वो शाम कभी ना आए,
जब मुझसे दूर माँ ना जाए।
माँग लूं ये मन्नत की फिर यही जहां मिले,
फिर वही गोद मिले फिर वही माँ मिले।
माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी है कदमों में जिसके जन्नत,
सोचो उसके सर का मकाम क्या होगा।
इस दुनिया में जितने रिश्ते, सारे झूठे बेहरूप,
एक माँ का रिश्ता सबसे अच्छा, माँ है रब का रूप।
माँग लूं यह दुआ की फिर यही जहां मिले
फिर वही गोद मिले फिर वही माँ मिले।
भटकती हुई राहों की धूल था मैं,
जब मां के चरणों को छुआ तो
चमकता हुआ सितारा बन गया।
सब तरह की दीवानगी से मुखातिब हुए हम,
पर माँ जैसा चाहने वाला जमाने भर में ना था।
नाराज रहता हूं जब में, मुझे मना लेती है,
मेरे रोने पर माँ, मुझे गले लगा लेती है।
न तेरे हिस्से आयी न मेरे हिस्से आयी,
माँ जिसके जीवन में आयी उसने जन्नत पायी।
कोई सरहद नहीं होती, कोई गलियारा नहीं होता,
अगर मां की बीच होती, तो बंटवारा नहीं होता।
मेरे खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है,
अपने हाथों को चूल्हे में जलाना याद आता है,
वो डांट डांट कर खाना खिलाना याद आता है,
मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है।
मोहब्बत की बात तो जमाना भी करता है,
लेकिन प्यार की शुरुआत आज भी माँ से होती है।
रब से करू दुआ बार-बार,
हर जन्म मिले मुझे माँ का प्यार,
खुदा कबूल करे मेरी मन्नत,
फिर से देना मुझे माँ के आंचल की जन्नत।
कहीं भी चला जाऊं दिल बेचैन रहता है,
जब घर जाता हूं तो माँ के आंचल में ही सुकून मिलता है।
हर झुला झूल के देखा पर,
माँ के हाथ जैसा जादू कही नही देखा।
मां तुम्हारे पास आता हूं तो सांसें भीग जाती है,
मोहब्बत इतनी मिलती है की आंखें भीग जाती है।
उसकी दुआओ मे ऐसा असर है
की सोये भाग्य जगा देती है,
मिट जाते है दुःख दर्द सभी
माँ जीवन मे चार चाँद लगा देती है।
माँ हाथ रख दे सिर पर तो हिम्मत मिल जाए,
माँ मुस्कुरा दे एक बार तो जन्नत मिल जाए।