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Home Maa Shayari in Hindi & English Maa Ke Liye Shayari in Hindi - माँ के लिए शायरी हिंदी में

माँग लूं ये मन्नत की फिर यही जहां मिले

माँग लूं ये मन्नत की फिर यही जहां मिलेमाँग लूं ये मन्नत की फिर यही जहां मिले,
फिर वही गोद मिले फिर वही माँ मिले।

बूढी हुई माँ तो हाथ पकड़ने को शर्माते होबूढी हुई माँ तो हाथ पकड़ने को शर्माते हो,
भूल गए बचपन मे गोद मे बैठकर रोटी खाई है।

उसकी दुआओ मे ऐसा असर है की सोये भाग्य जगा देती हैउसकी दुआओ मे ऐसा असर है
की सोये भाग्य जगा देती है,
मिट जाते है दुःख दर्द सभी
माँ जीवन मे चार चाँद लगा देती है।

थोड़ी कम पढ़ी लिखी हुई है माँ मेरीथोड़ी कम पढ़ी लिखी हुई है माँ मेरी,
में रोटी 2 माँगता हु, वो 4 ले आती है।

घुटनों से रेंगते रेंगते जब पैरों पर खड़ा हो गयाघुटनों से रेंगते रेंगते जब पैरों पर खड़ा हो गया,
माँ तेरी ममता की छाँव में, जाने कब बड़ा हो गया।

माँ के लिए ये दुनिया छोड़ देनामाँ के लिए ये दुनिया छोड़ देना,
उसके दिल में कभी भी दुःख न देना,
जो रोज़ दरवाजे पर खड़ी रहती है,
बेटा घर जल्दी आ जाना।

सब तरह की दीवानगी से मुखातिब हुए हमसब तरह की दीवानगी से मुखातिब हुए हम,
पर माँ जैसा चाहने वाला जमाने भर में ना था।

माँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगामाँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगा,
तू है नाराज ती खुश मुझसे खुदा क्या होगा।

उस रब से दुआ है वो शाम कभी ना आएउस रब से दुआ है, वो शाम कभी ना आए,
जब मुझसे दूर माँ ना जाए।

ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते हैऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते है,
जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते है।

माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगामाँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी है कदमों में जिसके जन्नत,
सोचो उसके सर का मकाम क्या होगा।

माँग लूं यह दुआ की फिर यही जहां मिलेमाँग लूं यह दुआ की फिर यही जहां मिले
फिर वही गोद मिले फिर वही माँ मिले।

इस दुनिया में जितने रिश्ते सारे झूठे बेहरूपइस दुनिया में जितने रिश्ते, सारे झूठे बेहरूप,
एक माँ का रिश्ता सबसे अच्छा, माँ है रब का रूप।

बहुत बेचैन हो जाता है जब कभी दिल मेराबहुत बेचैन हो जाता है जब कभी दिल मेरा,
मैं अपने पर्स में रखी माँ की तस्वीर को देख लेता हूं।

ठोकर न मार मुझे पत्थर नहीं हूँ मैंठोकर न मार मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं,
हैरत से न देख मुझे मंज़र नहीं हूँ मैं,
तेरी नज़रों में मेरी क़दर कुछ भी नहीं,
मेरी माँ से पूछ उसके लिए क्या नहीं हूँ मैं।

भटकती हुई राहों की धूल था मैंभटकती हुई राहों की धूल था मैं,
जब मां के चरणों को छुआ तो
चमकता हुआ सितारा बन गया।

एक हस्ती है जिसमे में जान हैएक हस्ती है जिसमे में जान है,
वो जान से भी बढ़कर मेरी शान है,
खुदा हुक्म दे तो कर दू सजदा उसे,
क्योकि वो कोई और नहीं मेरी माँ है।

वही मेरी दौलत है और वही मेरी शान हैवही मेरी दौलत है और वही मेरी शान है,
उसके कदमों में ही तो मेरा सारा जहान है।

किसी भी मुस्किल का अब किसी को हल नहीं निकलताकिसी भी मुस्किल का अब,
किसी को हल नहीं निकलता,
शायद अब घर से कोई,
माँ के पैर छुकर नहीं निकलता,

घर में धन दौलत हीरे जवाहरात सब आएघर में धन, दौलत, हीरे, जवाहरात सब आए,
लेकिन जब घर में मां आई तब खुशियां आई।

न तेरे हिस्से आयी न मेरे हिस्से आयीन तेरे हिस्से आयी न मेरे हिस्से आयी,
माँ जिसके जीवन में आयी उसने जन्नत पायी।


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