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Home Maa Shayari in Hindi & English Maa Ke Liye Shayari in Hindi - माँ के लिए शायरी हिंदी में

माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा

माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगामाँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी है कदमों में जिसके जन्नत,
सोचो उसके सर का मकाम क्या होगा।

उसकी दुआओ मे ऐसा असर है की सोये भाग्य जगा देती हैउसकी दुआओ मे ऐसा असर है
की सोये भाग्य जगा देती है,
मिट जाते है दुःख दर्द सभी
माँ जीवन मे चार चाँद लगा देती है।

तन्हाई क्या होती उस माँ से पूछोतन्हाई क्या होती उस माँ से पूछो,
जिसका बेटा घर लोट कर नही आया।

मां तुम्हारे पास आता हूं तो सांसें भीग जाती हैमां तुम्हारे पास आता हूं तो सांसें भीग जाती है,
मोहब्बत इतनी मिलती है की आंखें भीग जाती है।

हर घड़ी दौलत कमाने में इस तरह मशरूफ रहा मैंहर घड़ी दौलत कमाने में इस तरह मशरूफ रहा मैं,
पास बैठी अनमोल मां को भूल गया मैं।

इस दुनिया में जितने रिश्ते सारे झूठे बेहरूपइस दुनिया में जितने रिश्ते, सारे झूठे बेहरूप,
एक माँ का रिश्ता सबसे अच्छा, माँ है रब का रूप।

हर मंदिर हर मस्जिद और हर चौखट पर माथा टेकाहर मंदिर, हर मस्जिद और हर चौखट पर माथा टेका,
दुआ तो तब कबूल हुई जब मां के पैरों में माथा टेका।

भटकती हुई राहों की धूल था मैंभटकती हुई राहों की धूल था मैं,
जब मां के चरणों को छुआ तो
चमकता हुआ सितारा बन गया।

किसी भी मुस्किल का अब किसी को हल नहीं निकलताकिसी भी मुस्किल का अब,
किसी को हल नहीं निकलता,
शायद अब घर से कोई,
माँ के पैर छुकर नहीं निकलता,

जमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गयाजमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गया,
मां ने सर पर हाथ रख दिया तो मरहम लग गया।

हालातों के आगे जब साथ ना जुबां होती हैहालातों के आगे जब साथ ना जुबां होती है,
पहचान लेती है खामोशी में हर दर्द वो सिर्फ माँ होती है।

हर झुला झूल के देखा परहर झुला झूल के देखा पर,
माँ के हाथ जैसा जादू कही नही देखा।

इन आँखों के कारण ही तुझे दिल ने अपनाया थाइन आँखों के कारण ही तुझे दिल ने अपनाया था,
ये दिल भी यूं अक्सर ही आँखों को भिगोया था,
चलने को तो मैं भी चला जाता ज़माने से पर,
उस अंगुली को कैसे भूलता जिसने कभी चलना सिखाया था।

दवा असर ना करें तो नजर उतारती हैदवा असर ना करें तो नजर उतारती है,
माँ है जनाब, वो कहां हार मानती है।

ठोकर न मार मुझे पत्थर नहीं हूँ मैंठोकर न मार मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं,
हैरत से न देख मुझे मंज़र नहीं हूँ मैं,
तेरी नज़रों में मेरी क़दर कुछ भी नहीं,
मेरी माँ से पूछ उसके लिए क्या नहीं हूँ मैं।

माँ न होती तो वफ़ा कौन करेगामाँ न होती तो वफ़ा कौन करेगा,
ममता का हक़ भी कौन अदा करेगा,
रब हर एक माँ को सलामत रखना,
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा।

कोई सरहद नहीं होती कोई गलियारा नहीं होताकोई सरहद नहीं होती, कोई गलियारा नहीं होता,
अगर मां की बीच होती, तो बंटवारा नहीं होता।

रब से करू दुआ बार-बार हर जन्म मिले मुझे माँ का प्याररब से करू दुआ बार-बार,
हर जन्म मिले मुझे माँ का प्यार,
खुदा कबूल करे मेरी मन्नत,
फिर से देना मुझे माँ के आंचल की जन्नत।

माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगामाँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी है कदमों में जिसके जन्नत,
सोचो उसके सर का मकाम क्या होगा।

माँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगामाँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगा,
तू है नाराज ती खुश मुझसे खुदा क्या होगा।

रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखियेरूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,
चोट लगती है हमें और तड़पती है माँ,
हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें,
जब मुसीबत आती है तो याद आती है माँ।


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