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Home Maa Shayari in Hindi & English Maa Ke Liye Shayari in Hindi - माँ के लिए शायरी हिंदी में

भटकती हुई राहों की धूल था मैं

भटकती हुई राहों की धूल था मैंभटकती हुई राहों की धूल था मैं,
जब मां के चरणों को छुआ तो
चमकता हुआ सितारा बन गया।

ठोकर न मार मुझे पत्थर नहीं हूँ मैंठोकर न मार मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं,
हैरत से न देख मुझे मंज़र नहीं हूँ मैं,
तेरी नज़रों में मेरी क़दर कुछ भी नहीं,
मेरी माँ से पूछ उसके लिए क्या नहीं हूँ मैं।

कोई सरहद नहीं होती कोई गलियारा नहीं होताकोई सरहद नहीं होती, कोई गलियारा नहीं होता,
अगर मां की बीच होती, तो बंटवारा नहीं होता।

किसी भी मुस्किल का अब किसी को हल नहीं निकलताकिसी भी मुस्किल का अब,
किसी को हल नहीं निकलता,
शायद अब घर से कोई,
माँ के पैर छुकर नहीं निकलता,

तेरी डिब्बे की वो दो रोटियां कहीं बिकती नहीं माँतेरी डिब्बे की वो दो रोटियां कहीं बिकती नहीं माँ,
महंगे होटलों में आज भी भूख मिटती नहीं माँ।

एक हस्ती है जिसमे में जान हैएक हस्ती है जिसमे में जान है,
वो जान से भी बढ़कर मेरी शान है,
खुदा हुक्म दे तो कर दू सजदा उसे,
क्योकि वो कोई और नहीं मेरी माँ है।

बहुत बेचैन हो जाता है जब कभी दिल मेराबहुत बेचैन हो जाता है जब कभी दिल मेरा,
मैं अपने पर्स में रखी माँ की तस्वीर को देख लेता हूं।

जमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गयाजमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गया,
मां ने सर पर हाथ रख दिया तो मरहम लग गया।

इन आँखों के कारण ही तुझे दिल ने अपनाया थाइन आँखों के कारण ही तुझे दिल ने अपनाया था,
ये दिल भी यूं अक्सर ही आँखों को भिगोया था,
चलने को तो मैं भी चला जाता ज़माने से पर,
उस अंगुली को कैसे भूलता जिसने कभी चलना सिखाया था।

ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते हैऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते है,
जहाँ में जिसका अंत नहीं उसे माँ कहते है।

माँ ने तो उम्र भर संभाला ही था हमें तो जिंदगी ने रुलाया हैमाँ ने तो उम्र भर संभाला ही था,
हमें तो जिंदगी ने रुलाया है,
कहाँ से पडती काँटों की आदत हमें,
माँ ने हमेशा अपनी गोद में सुलाया है।

हर घड़ी दौलत कमाने में इस तरह मशरूफ रहा मैंहर घड़ी दौलत कमाने में इस तरह मशरूफ रहा मैं,
पास बैठी अनमोल मां को भूल गया मैं।

रूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखियेरूह के रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,
चोट लगती है हमें और तड़पती है माँ,
हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें,
जब मुसीबत आती है तो याद आती है माँ।

सब तरह की दीवानगी से मुखातिब हुए हमसब तरह की दीवानगी से मुखातिब हुए हम,
पर माँ जैसा चाहने वाला जमाने भर में ना था।

माँ न होती तो वफ़ा कौन करेगामाँ न होती तो वफ़ा कौन करेगा,
ममता का हक़ भी कौन अदा करेगा,
रब हर एक माँ को सलामत रखना,
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा।

उस रब से दुआ है वो शाम कभी ना आएउस रब से दुआ है, वो शाम कभी ना आए,
जब मुझसे दूर माँ ना जाए।

बूढी हुई माँ तो हाथ पकड़ने को शर्माते होबूढी हुई माँ तो हाथ पकड़ने को शर्माते हो,
भूल गए बचपन मे गोद मे बैठकर रोटी खाई है।

माँ हाथ रख दे सिर पर तो हिम्मत मिल जाएमाँ हाथ रख दे सिर पर तो हिम्मत मिल जाए,
माँ मुस्कुरा दे एक बार तो जन्नत मिल जाए।

मेरे खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता हैमेरे खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है,
अपने हाथों को चूल्हे में जलाना याद आता है,
वो डांट डांट कर खाना खिलाना याद आता है,
मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है।

सब कुछ मिल जाता हैं दुनिया मेंसब कुछ मिल जाता हैं दुनिया में,
मगर याद रखना की बस माँ-बाप नहीं मिलते,
मुरझा कर जो गिर गए एक बार डाली से,
ये ऐसे फूल हैं जो फिर नहीं खिलते।

न तेरे हिस्से आयी न मेरे हिस्से आयीन तेरे हिस्से आयी न मेरे हिस्से आयी,
माँ जिसके जीवन में आयी उसने जन्नत पायी।


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