हर मंदिर, हर मस्जिद और हर चौखट पर माथा टेका,
दुआ तो तब कबूल हुई जब मां के पैरों में माथा टेका।
मंजिल दूर है और सफर बहुत है,
छोटी सी जिंदगी की फिक्र बहुत है,
मार डालती यह दुनिया कब की हमें,
लेकिन माँ की दुआओं में असर बहुत है।
इस दुनिया में जितने रिश्ते, सारे झूठे बेहरूप,
एक माँ का रिश्ता सबसे अच्छा, माँ है रब का रूप।
न तेरे हिस्से आयी न मेरे हिस्से आयी,
माँ जिसके जीवन में आयी उसने जन्नत पायी।
माँ हाथ रख दे सिर पर तो हिम्मत मिल जाए,
माँ मुस्कुरा दे एक बार तो जन्नत मिल जाए।
किसी भी मुस्किल का अब,
किसी को हल नहीं निकलता,
शायद अब घर से कोई,
माँ के पैर छुकर नहीं निकलता,
हर झुला झूल के देखा पर,
माँ के हाथ जैसा जादू कही नही देखा।
माँ के लिए ये दुनिया छोड़ देना,
उसके दिल में कभी भी दुःख न देना,
जो रोज़ दरवाजे पर खड़ी रहती है,
बेटा घर जल्दी आ जाना।
जमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गया,
मां ने सर पर हाथ रख दिया तो मरहम लग गया।
हर इन्सान की जिंदगी में वह सबसे खास होती है,
दूर होते हुए भी वो दिल के पास होती है,
जिसके सामने मौत भी अपना सिर झुका दे,
वह और कोई नहीं बस माँ होती है।