माँ हाथ रख दे सिर पर तो हिम्मत मिल जाए,
माँ मुस्कुरा दे एक बार तो जन्नत मिल जाए।
हर इन्सान की जिंदगी में वह सबसे खास होती है,
दूर होते हुए भी वो दिल के पास होती है,
जिसके सामने मौत भी अपना सिर झुका दे,
वह और कोई नहीं बस माँ होती है।
कोई सरहद नहीं होती, कोई गलियारा नहीं होता,
अगर मां की बीच होती, तो बंटवारा नहीं होता।
माँ न होती तो वफ़ा कौन करेगा,
ममता का हक़ भी कौन अदा करेगा,
रब हर एक माँ को सलामत रखना,
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा।
ठोकर न मार मुझे पत्थर नहीं हूँ मैं,
हैरत से न देख मुझे मंज़र नहीं हूँ मैं,
तेरी नज़रों में मेरी क़दर कुछ भी नहीं,
मेरी माँ से पूछ उसके लिए क्या नहीं हूँ मैं।
आँख खोलू तो चेहरा मेरी माँ का हो,
आँख बंद हो तो सपना मेरी माँ का हो,
मैं मर भी जाऊँ तो भी कोई गम नहीं,
लेकिन कफन मिले तो दुपट्टा मेरी माँ का हो।
मेरे खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है,
अपने हाथों को चूल्हे में जलाना याद आता है,
वो डांट डांट कर खाना खिलाना याद आता है,
मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है।
उसकी दुआओ मे ऐसा असर है
की सोये भाग्य जगा देती है,
मिट जाते है दुःख दर्द सभी
माँ जीवन मे चार चाँद लगा देती है।
भटकती हुई राहों की धूल था मैं,
जब मां के चरणों को छुआ तो
चमकता हुआ सितारा बन गया।
घुटनों से रेंगते रेंगते जब पैरों पर खड़ा हो गया,
माँ तेरी ममता की छाँव में, जाने कब बड़ा हो गया।