माँ हाथ रख दे सिर पर तो हिम्मत मिल जाए,
माँ मुस्कुरा दे एक बार तो जन्नत मिल जाए।
रोटी वो आधी खाती हे मगर,
अपने बच्चो को पूरा खिलाती हे,
चाहे मेरी माँ हो या तुम्हारी,
दोस्तों माँ सबकी ऐसी ही होती हे।
माँ ने तो उम्र भर संभाला ही था,
हमें तो जिंदगी ने रुलाया है,
कहाँ से पडती काँटों की आदत हमें,
माँ ने हमेशा अपनी गोद में सुलाया है।
कोई सरहद नहीं होती, कोई गलियारा नहीं होता,
अगर मां की बीच होती, तो बंटवारा नहीं होता।
एक हस्ती है जिसमे में जान है,
वो जान से भी बढ़कर मेरी शान है,
खुदा हुक्म दे तो कर दू सजदा उसे,
क्योकि वो कोई और नहीं मेरी माँ है।
भटकती हुई राहों की धूल था मैं,
जब मां के चरणों को छुआ तो
चमकता हुआ सितारा बन गया।
तेरी डिब्बे की वो दो रोटियां कहीं बिकती नहीं माँ,
महंगे होटलों में आज भी भूख मिटती नहीं माँ।
माँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगा,
तू है नाराज ती खुश मुझसे खुदा क्या होगा।
मेरे खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है,
अपने हाथों को चूल्हे में जलाना याद आता है,
वो डांट डांट कर खाना खिलाना याद आता है,
मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है।
इस दुनिया में जितने रिश्ते, सारे झूठे बेहरूप,
एक माँ का रिश्ता सबसे अच्छा, माँ है रब का रूप।