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Home Alone Shayari in Hindi & English Alone Shayari in Hindi - अलोन शायरी इन हिंदी

जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा काफिला साथ और सफ़र तन्हा

जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा काफिला साथ और सफ़र तन्हाजिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
काफिला साथ और सफ़र तन्हा,
अपने साए से चोंक जाते है,
उम्र गुजारी है इस कदर तन्हा।

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चलते चलते अकेले अब थक गए हमचलते चलते अकेले अब थक गए हम,
जो मंज़िल को जाये वो डगर चाहिए,
तन्हाई का बोझ अब और उठता नहीं,
अब हमको भी एक हमसफ़र चाहिए।

जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न थाजगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फ़ासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।

जानता पहले से था मैं लेकिन एहसास अब हो रहा हैजानता पहले से था मैं,
लेकिन एहसास अब हो रहा है,
अकेला तो बहुत समय से हूं मैं,
पर महसूस अब हो रहा है।

जमाना सो गया और मैं जगा रातभर तन्हाजमाना सो गया और मैं जगा रातभर तन्हा,
तुम्हारे गम से दिल रोता रहा रातभर तन्हा,
मेरे हमदम तेरे आने की आहट अब नहीं मिलती,
मगर नस-नस में तू गूंजती रही रातभर तन्हा।

मेरा चेहरा मेरी यादें मेरी बातें रुलायेंगीमेरा चेहरा मेरी यादें मेरी बातें रुलायेंगी,
जुदाई के दौर में गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिनों को तो चलो बिता भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा मिलोगे तुम तुम्हें रातें रुलायेंगी।

आज फिर से एहसास हुआ की में अकेला था और अकेला ही रहूँगाआज फिर से एहसास हुआ की,
में अकेला था और अकेला ही रहूँगा,
अब ना करूँगा किसी से चाहत,
ना कभी सी से अपने दिल की बात कहूंगा।

छोड दो तन्हाई में मुझको यारो साथ मेरे रहकर क्या पाओगेछोड दो तन्हाई में मुझको यारो,
साथ मेरे रहकर क्या पाओगे,
अगर हो गई आपको भी मोहब्बत कभी,
मेरी तरह तुम भी पछताओगे।

ज़िन्दगी के मोड़ पर एक ऐसा वक़्त आता हैज़िन्दगी के मोड़ पर एक ऐसा वक़्त आता है,
जब इंसान अपने आपको तनहा पाता है,
वही तन्हाई तो बताती है,
कि कौन किसका कितना साथ निभाता है।

छोड़ दो तन्हा ही मुझको यारो साथ मेरे रहकर क्या पाओगेछोड़ दो तन्हा ही मुझको यारो,
साथ मेरे रहकर क्या पाओगे,
अगर हो गई तुमको मोहब्बत कभी,
मेरी तरह तुम भी पछताओगे।

हमारा दिल किसी गहरी जुदाई के भँवर में हैहमारा दिल किसी गहरी जुदाई के भँवर में है,
हमारी आँख भी नम है कभी मिलने चले आओ,
हवाओं और फूलों की नई खुशबू बताती है,
तेरे आने का मौसम है कभी मिलने चले आओ।

ए ज़िन्दगी एक बार तू नज़दीक आ तन्हा हूँ मैंए ज़िन्दगी एक बार तू नज़दीक आ तन्हा हूँ मैं,
या दूर से फिर दे कोई सदा तन्हा हूँ मैं,
दुनिया की महफ़िल मैं कहीं मैं हूँ भी या नहीं,
एक उम्र से इस सोच में डूबा हुआ हूँ मैं।

जिंदगी ख्वाहिशों का एक मेला हैजिंदगी ख्वाहिशों का एक मेला है,
कहीं पर हार तो कहीं पर जीत का ये खेला है,
जो भी मिले उससे तुम मुस्कुरा कर मिला करो,
इस भीड़ में हर कोई ही अकेला है।

मैं तेरा दिवाना हूं इस बात से मुझे इंकार नहींमैं तेरा दिवाना हूं इस बात से मुझे इंकार नहीं,
कसूर तुम्हारी नजरों का है हम अकेले गुनहगार नहीं,
मेरी जुबां कुछ भी कहे दोस्तों,
मगर दिल कैसे कहे कि तुमसे प्यार नहीं।

मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगीमेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिनों को तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा मिलोगे तुम तुम्हें रातें रुलायेंगी।

इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी हैइंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियों की आदत सी हो गयी है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
मोहब्बत अब तन्हाइयों से हो गई है।

काँटों सी चुभती है तन्हाई अंगारों सी सुलगती है तन्हाईकाँटों सी चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हमें जरा हँसा दे,
रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई।

जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा काफिला साथ और सफ़र तन्हाजिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
काफिला साथ और सफ़र तन्हा,
अपने साए से चोंक जाते है,
उम्र गुजारी है इस कदर तन्हा।

कांटो सी चुभती है तन्हाई अंगारों सी सुलगती है तन्हाईकांटो सी चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हमें ज़रा हँसा दे,
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई।

आज की रात जो मेरी तरह तन्हा हैआज की रात जो मेरी तरह तन्हा है,
मैं किसी तरह गुजारूँगा चला जाऊंगा,
तुम परेशाँ न हो बाब-ए-करम-वा न करो,
और कुछ देर पुकारूंगा चला जाऊंगा।

उम्मीद तो मंज़िल पे पहुँचने की बड़ी थीउम्मीद तो मंज़िल पे पहुँचने की बड़ी थी,
तक़दीर मगर न जाने कहाँ सोयी पड़ी थी,
खुश थे कि गुजारेंगे रफाकत में सफ़र,
तन्हाई मगर बाहों को फैलाये खड़ी थी।


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