Shaam Shayari Images in Hindi - शाम शायरी इन हिंदी
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दिन ख्वाहिशों में गुजरता है,
रात खयालों में कटती है,
शाम का आलम ना पूछो,
मयकदे जाओगे तो समझोगे।
मैं सोचता था, मेरा नाम गुनगुना रही है वो,
न जाने क्यों लगा मुझे, के मुस्कुरा रही है वो,
वो शाम कुछ अजीब थी, ये शाम भी अजीब है,
वो कल भी पास-पास थी, वो आज भी करीब है।
कभी शाम होने के बाद,
मेरे दिल में आकर देखना,
खयालों की महफ़िल सजी होती है,
और जिक्र सिर्फ तुम्हारा होता है।
मौसम की बहार अच्छी हो,
फूलो की कलिया कच्ची हो,
हमारी ये दोस्ती सच्ची हो,
मेरे दोस्त की हर शाम अच्छी हो।
शाम खाली है जाम खाली है,
ज़िन्दगी यूँ गुज़रने वाली है,
सब लूट लिया तुमने जानेजाँ मेरा,
मैने तन्हाई मगर बचा ली है।
शाम होते ही यह दिल उदास होता है,
सपनो के सिवा कुछ नहीं पास होता है,
आप को बहुत याद करते है हम,
यादो का हर लम्हा मेरे लिए ख़ास होता है।
शाम होते ही आ मिलती है मुझसे,
ये तेरी याद मेरे हर शाम की मुंतजीर है,
आओ एक शाम बैठो पास मेरे और देखो,
ये जो मंजर है कितना बेनजीर है।
रोज़ ढलती हुई शाम से डर लगता है,
अब मुझे प्यार के अंजाम से डर लगता है,
जब से तुमने मुझे धोखा दिया,
तबसे मोहब्बत के नाम से भी डर लगता है।
वो आके पहलू में ऐसे बैठे,
के शाम रंगीन हो गई है,
जरा जरा सी खिली है तबीयत,
जरा सी गमगीन हो गई है।
हर सुबह को अपनी सांसों में रखो,
हर शाम को अपनी बाहों में रखो,
हर जीत आपकी मुट्ठी में है बस,
अपनी मंजिल को आंखों में रखो।
दर्द की शाम है, आँखों में नमी है,
हर सांस कह रही है, फिर तेरी कमी है।
यूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती है,
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया।
शाम तक सुबह की नज़रों से उतर जाते हैं,
इतने समझौतों पे जीते हैं कि मर जाते हैं।
हम अपनी शाम को जब नज़र-ए-जाम करते हैं,
अदब से हमको सितारे सलाम करते है।
तेरी उल्फत को कभी नाकाम ना होने देंगे,
तेरे प्यार को कभी बदनाम न होने देंगे,
मेरी जिंदगी में सूरज निकले न निकले,
तेरी ज़िंदगी में कभी शाम ना होने देंगे।
ये उदास शाम और तेरी ज़ालिम याद,
खुदा खैर करे अभी तो रात बाकि है।
कँपकँपाती शाम ने, कल माँग ली चादर मेरी,
और जाते-जाते, जाड़े को इशारा कर दिया।
शाम आती है तो ये सोच के डर जाता हूँ,
आज की रात मेरे शहर पे भारी तो नहीं।
कभी कभी शाम ऐसे ढलती है,
जैसे घूंघट उतर रहा हो,
तुम्हारे सीने से उठता धुआँ,
हमारे दिल से गुज़र रहा हो।
कितनी जल्दी ये शाम आ गयी,
गुड नाईट कहने की बात याद आ गयी,
हम तो बैठे थे सितारों की महफ़िल में,
चाँद को देखा तो आपकी याद आ गयी।
जिन्दगी की हर सुबह,
कुछ शर्ते लेकर आती हैं,
और जिन्दगी की हर शाम,
कुछ तजुर्बे देकर जाती हैं।
रात हुई जब हर शाम के बाद,
तेरी याद आयी हर बात के बाद,
हमने खामोश रह कर भी महसूस किया,
तेरी आवाज़ आयी हर सांस के बाद।
मुझे ना जाने की ख़ुशी है अब,
अब ना ही मरने का है ग़म,
उनसे मिलने की दुआ भी नहीं करते हम,
क्योंकि अब हर शाम है उनकी यादो के संग।
मुझे उस सहर की हो क्या ख़ुशी,
जो हो जुल्मतों में घिरी हुई,
मेरी शाम-ए-ग़म को जो लूट ले,
मुझ उस शहर की तलाश है।
यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती थी,
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया,
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया,
जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया।
फिजा में महकती शाम हो तुम,
प्यार का छलकता जाम हो तुम,
सीने में छुपाये फिरते हैं तुम्हें,
मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम।
रात के इंतज़ार में सुबह से मुलाकात हो गई,
शायद कल की वो शाम ढलना भुल गई
कहाँ की शाम और कैसी सहर, जब तुम नही होते,
तड़पता है ये दिल आठो पहर, जब तुम नही होते।
तेरी निगाह उठे तो सुबह हो,
पलके झुके तो शाम हो जाये,
अगर तू मुस्कुरा भर दे तो,
कत्ले आम हो जाये।
एक शाम आती हैं तेरी याद लेकर,
एक शाम जाती हैं तेरी याद लेकर,
हमें तो उस शाम का इन्तजार है,
जो आयें तुम्हे साथ लेकर।
वादा किया है तो ज़रूर निभाएंगे,
चाँद की किरण बनकर छत पे आएंगे,
हम हैं तो जुदाई का गम कैसा,
तेरी हर शाम को फूलों से सजाएंगे।
दिन गुज़र जाता है आपको सोच सोच कर,
आती है शाम दिन गुजर जाने के बाद,
कटती नहीं शाम की तन्हाईयाँ,
जाती नहीं तेरी याद तेरे जाने के बाद।
दिल से दिल की बस यही दुआ है,
आज फिर से हमको कुछ हुआ है,
शाम ढलते ही आती है याद आपकी,
लगता है प्यार आपसे ही हुआ है।
खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में,
एक पुराना खत खोला अनजाने में,
शाम के साये बालिस्तों से नापे हैं,
चाँद ने कितनी देर लगा दी आने में।
सुबह तुझ से होगी मेरी शाम तुझ से होगी,
जो तू मुझे मिले तो मेरी पहचान तुझ से होगी,
में प्यार का परिंदा ये गगन चूमता हूँ,
मिल जाये जो शेह तेरी तो मेरी उड़ान तुझ से होगी।
ढलते दिन सा मैं, गुजरती रात सी तुम,
अब थम भी जाओ, एक मुलाकात को,
तेरे आने की उम्मीद और भी तड़पाती है,
मेरी खिड़की पे जब शाम उतर आती है।
शाम सूरज को ढलना सिखाती है,
शमा परवाने को जलना सिखाती है ,
गिरने वाले को होती तो है तकलीफ ,
पर ठोकर इंसान को चलना सिखाती है।
भीगी हुई एक शाम की दहलीज़ पे बैठा हूँ,
मैं दिल के सुलगने का सबब सोच रहा हूँ,
दुनिया की तो आदत है बदल लेती है आंखें,
में उस के बदलने का सबब सोच रहा हूँ।
शाम होते ही दिल उदास हो जाता है,
सपनों के सिवा ना कुछ खास होता है.
आपको तो बहुत याद करते हैं हम,
यादों का लम्हा मेरे लिए कुछ खास होता है।
दीये तो आँधी में भी जला करते हैं,
गुलाब तो कांटो में ही खिला करते हैं,
खुश नसीब बहुत होती हैं वो शाम,
दोस्त आप जैसे जब मिला करते हैं।
चाँद सा चेहरा देखने की इज़ाज़त दे दो,
मुझे ये शाम सजाने की इज़ाज़त दे दो,
मुझे कैद कर लो अपने इश्क़ में या फिर,
मुझे इश्क़ करने की इज़ाज़त दे दो।