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Home Alone Shayari in Hindi & English Alone Shayari in Hindi - अलोन शायरी इन हिंदी

जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था

जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न थाजगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फ़ासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।

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लेकर दिल वो चला गया खुद का दिल उसने दिया ही नहींलेकर दिल वो चला गया
खुद का दिल उसने दिया ही नहीं,
जिस दिन से छोड़ गया अकेला
उस दिन से मै जिया ही नहीं।

लौट आओ और मिलो उसी तड़प सेलौट आओ और मिलो उसी तड़प से,
अब तो मुझे मेरी वफाओं का सिला दे दो,
देखे है बहुत इसने तन्हाई के मौसम,
अब तो मेरे दिल को अपने दिल से मिला दो।

आगोश में ले लो मुझे बहुत अकेला हूँ मैंआगोश में ले लो मुझे बहुत अकेला हूँ मैं,
बसा लो दिल की धड़कन में अकेला हूँ मैं,
जो तुम नहीं ज़िन्दगी में तो फिर कुछ भी नहीं,
समा जाओ मुझमें कि अकेला हूँ मैं।

कोई नहीं होता हमेशा के लिए किसी काकोई नहीं होता हमेशा के लिए किसी का,
लिखा है साथ थोड़ा-थोड़ा इस दुनिया में सभी का,
मत बनाओ किसी को अपने जीने की वजह,
क्योंकि बाद में जीना पड़ता है अकेले ही उसूल है जिन्दगी का।

मेरा चेहरा मेरी यादें मेरी बातें रुलायेंगीमेरा चेहरा मेरी यादें मेरी बातें रुलायेंगी,
जुदाई के दौर में गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिनों को तो चलो बिता भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा मिलोगे तुम तुम्हें रातें रुलायेंगी।

जिंदगी के ज़हर को यूँ हँस के पी रहे हैजिंदगी के ज़हर को यूँ हँस के पी रहे है,
तेरे प्यार बिना यूँ ही ज़िन्दगी जी रहे है,
अकेलेपन से तो अब डर नहीं लगता हमें,
तेरे जाने के बाद यूँ ही तन्हा जी रहे है।

जब जब याद करोगी अपनी तन्हाईयो कोजब जब याद करोगी अपनी तन्हाईयो को,
एक जलता चराग सा नज़र आऊगा मैं,
राह से रहगुज़र बन के भी गुजर जाओगी,
एक मिल का पत्थर सा खड़ा नज़र आऊगा मैं।

आपको खोने का हर पल डर लगा रहता हैआपको खोने का हर पल डर लगा रहता है,
जबकि आपको पाया ही नहीं,
तुम बिन इतना तन्हा हूँ मैं,
कि मेरे साथ मेरा साया भी नहीं।

छोड दो तन्हाई में मुझको यारो साथ मेरे रहकर क्या पाओगेछोड दो तन्हाई में मुझको यारो,
साथ मेरे रहकर क्या पाओगे,
अगर हो गई आपको भी मोहब्बत कभी,
मेरी तरह तुम भी पछताओगे।

जब महफ़िल में भी तन्हाई पास होजब महफ़िल में भी तन्हाई पास हो,
रोशनी में भी अँधेरे का एहसास हो,
तब किसी खास की याद में मुस्कुरा दो,
शायद वो भी आपके इंतजार में उदास हो।

आज की रात जो मेरी तरह तन्हा हैआज की रात जो मेरी तरह तन्हा है,
मैं किसी तरह गुजारूँगा चला जाऊंगा,
तुम परेशाँ न हो बाब-ए-करम-वा न करो,
और कुछ देर पुकारूंगा चला जाऊंगा।

हमारा दिल किसी गहरी जुदाई के भँवर में हैहमारा दिल किसी गहरी जुदाई के भँवर में है,
हमारी आँख भी नम है कभी मिलने चले आओ,
हवाओं और फूलों की नई खुशबू बताती है,
तेरे आने का मौसम है कभी मिलने चले आओ।

उतना हसीन फिर कोई लम्हा नहीं मिलाउतना हसीन फिर कोई लम्हा नहीं मिला,
तेरे जाने के बाद कोई भी तुझ सा नहीं मिला,
सोचा करूं मैं एक दिन खुद से ही गुफ्तगुं,
लेकिन कभी में खुद को तन्हा नहीं मिला।

जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न थाजगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फ़ासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।

मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगीमेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिनों को तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा मिलोगे तुम तुम्हें रातें रुलायेंगी।

तुम जब आओगे तो खोया हुआ पाओगे मुझेतुम जब आओगे तो खोया हुआ पाओगे मुझे,
मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं,
मेरे कमरे को सजाने कि तमन्ना है तुम्हें,
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं।

आज फिर से एहसास हुआ की में अकेला था और अकेला ही रहूँगाआज फिर से एहसास हुआ की,
में अकेला था और अकेला ही रहूँगा,
अब ना करूँगा किसी से चाहत,
ना कभी सी से अपने दिल की बात कहूंगा।

उसकी आरज़ू अब खो गयी हैउसकी आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियों की आदत सी हो गयी है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
बस एक मोहब्बत है, जो इन तन्हाइयों से हो गई है।

कांटो सी चुभती है तन्हाई अंगारों सी सुलगती है तन्हाईकांटो सी चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हमें ज़रा हँसा दे,
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई।

उम्मीद तो मंज़िल पे पहुँचने की बड़ी थीउम्मीद तो मंज़िल पे पहुँचने की बड़ी थी,
तक़दीर मगर न जाने कहाँ सोयी पड़ी थी,
खुश थे कि गुजारेंगे रफाकत में सफ़र,
तन्हाई मगर बाहों को फैलाये खड़ी थी।


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