खामोशी तेरी मेरी जान लेकर रहेंगी,
कातिल निगाहें तेरी दिल को जख्मी करके रहेंगी,
बारिश में दुपट्टा उनका उनके बदन से चिपक गया,
देखकर हाल उनका दिल बेचैन हो गया।
बारिश में आज भीग जाने दो,
बूंदों को आज बरस जाने दो,
न रोको यूँ खुद को आज,
भीग जाने दो इस दिल को आज।
बारिश में हम पानी बनकर बरस जायेंगे,
पतझड़ में फूल बनके बिखर जायेंगे,
क्या हुआ जो हम आपको तंग करते हैं,
कभी आप इन लम्हों के लिए भी तरस जायेंगे।
आज मौसम भी लगता है बेकरार हो गया,
खत्म प्रेमियों का इंतजार हो गया,
बारिश की बुँदे कुछ गिरी इस तरह से,
शायद आसमान को भी जमीन से प्यार हो गया।
इस मौसम के बादल तुम खूब बरसना,
इतना कि बना लो हर किसी को अपना।
किसी को ना पड़े मुस्कुराहट को ढूँढना,
ये बरसात ही सिखा दे सभी को हंसना।
न जाने क्यू अभी आपकी याद आ गयी,
मौसम क्या बदला बरसात भी आ गयी,
मैंने छुकर देखा बूंदों को तो, हर बूंद में
आपकी तस्वीर नज़र आ गयी।
इश्क़ करने वाले आँखों की बात समझ लेते है,
सपनो में यार आए तो उसे मुलाकात समझ लेते है,
रूठता तो आसमान भी है अपनी ज़मीन के लिए,
यह तो लोग ही उसे बरसात समझ लेते है।
सुबह का मौसम, बारिश का साथ है,
हवा ठंडी जिससे ताजगी का एहसास है,
बना के रखिए चाय और पकौड़े,
बस हम आपके घर के थोड़े से पास है।
क्या नज़ाकत है इन बूंदों की,
मन करे इसमें शूमार हो जाऊ,
डूब लू इस मौसम के नूर में,
और इसका तलबगार हो जाऊ।
कहीं फिसल ही न जाऊं तेरी याद में चलते-चलते,
रोक अपनी यादों को मेरे शहर में बारिश का समाँ है।