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Home Alone Shayari in Hindi & English Alone Shayari in Hindi - अलोन शायरी इन हिंदी

रात की तनहाइयों में बेचैन है हम

रात की तनहाइयों में बेचैन है हमरात की तनहाइयों में बेचैन है हम,
महफ़िल जमी है फिर भी अकेले है हम,
आप हमसे प्यार करें या न करें,
पर आपके बिना बिलकुल अधूरे है हम।

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काँटों सी चुभती है तन्हाई अंगारों सी सुलगती है तन्हाईकाँटों सी चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हमें जरा हँसा दे,
रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई।

छोड दो तन्हाई में मुझको यारो साथ मेरे रहकर क्या पाओगेछोड दो तन्हाई में मुझको यारो,
साथ मेरे रहकर क्या पाओगे,
अगर हो गई आपको भी मोहब्बत कभी,
मेरी तरह तुम भी पछताओगे।

मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगीमेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिनों को तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा मिलोगे तुम तुम्हें रातें रुलायेंगी।

कभी पहलू में आओ तो बताएँगे तुम्हेंकभी पहलू में आओ तो बताएँगे तुम्हें,
हाल-ए-दिल अपना तमाम सुनाएँगे तुम्हें,
काटी है अकेले कैसे हमने तन्हाई की रातें,
हर उस रात की तड़प दिखाएँगे तुम्हें।

मेरी आवाज उसे सुनाई नहीं देतीमेरी आवाज उसे सुनाई नहीं देती,
अब तो कोई उम्मीद भी दिखाई नहीं देती,
एहसास उसे और सब लोगों का है,
बस मेरी ही तन्हाई उसे दिखाई नहीं देती।

जानता पहले से था मैं लेकिन एहसास अब हो रहा हैजानता पहले से था मैं,
लेकिन एहसास अब हो रहा है,
अकेला तो बहुत समय से हूं मैं,
पर महसूस अब हो रहा है।

आगोश में ले लो मुझे बहुत अकेला हूँ मैंआगोश में ले लो मुझे बहुत अकेला हूँ मैं,
बसा लो दिल की धड़कन में अकेला हूँ मैं,
जो तुम नहीं ज़िन्दगी में तो फिर कुछ भी नहीं,
समा जाओ मुझमें कि अकेला हूँ मैं।

जमाना सो गया और मैं जगा रातभर तन्हाजमाना सो गया और मैं जगा रातभर तन्हा,
तुम्हारे गम से दिल रोता रहा रातभर तन्हा,
मेरे हमदम तेरे आने की आहट अब नहीं मिलती,
मगर नस-नस में तू गूंजती रही रातभर तन्हा।

जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न थाजगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फ़ासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।

आज फिर से एहसास हुआ की में अकेला था और अकेला ही रहूँगाआज फिर से एहसास हुआ की,
में अकेला था और अकेला ही रहूँगा,
अब ना करूँगा किसी से चाहत,
ना कभी सी से अपने दिल की बात कहूंगा।

हमारा दिल किसी गहरी जुदाई के भँवर में हैहमारा दिल किसी गहरी जुदाई के भँवर में है,
हमारी आँख भी नम है कभी मिलने चले आओ,
हवाओं और फूलों की नई खुशबू बताती है,
तेरे आने का मौसम है कभी मिलने चले आओ।

उसकी आरज़ू अब खो गयी हैउसकी आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियों की आदत सी हो गयी है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
बस एक मोहब्बत है, जो इन तन्हाइयों से हो गई है।

जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा काफिला साथ और सफ़र तन्हाजिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
काफिला साथ और सफ़र तन्हा,
अपने साए से चोंक जाते है,
उम्र गुजारी है इस कदर तन्हा।

अपनी बेबसी पर आज रोना आयाअपनी बेबसी पर आज रोना आया,
दूसरों को क्या मैंने तो अपनों को भी आजमाया,
हर दोस्त की तन्हाई हमेशा दूर की मैंने,
लेकिन खुद को हर मोड़ पर हमेशा अकेला पाया।

फिर कहीं दूर से एक बार सदा दो मुझकोफिर कहीं दूर से एक बार सदा दो मुझको,
मेरी तन्हाई का एहसास दिला दो मुझको,
तुम तो चाँद हो तुम्हें मेरी ज़रुरत क्या है,
मैं दिया हूँ किसी चौखट पे जला दो मुझको।

माफ़ करना अगर हमने अनजाने में आपको कभी रुला दियामाफ़ करना अगर हमने अनजाने में आपको कभी रुला दिया,
आप ने तो दुनियां के कहने पर हमें भुला दिया,
हम तो वेसे भी अकेले थे,
क्या हुआ अगर आपने एहसास दिला दिया।

रात की तनहाइयों में बेचैन है हमरात की तनहाइयों में बेचैन है हम,
महफ़िल जमी है फिर भी अकेले है हम,
आप हमसे प्यार करें या न करें,
पर आपके बिना बिलकुल अधूरे है हम।

तुम जब आओगे तो खोया हुआ पाओगे मुझेतुम जब आओगे तो खोया हुआ पाओगे मुझे,
मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं,
मेरे कमरे को सजाने कि तमन्ना है तुम्हें,
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं।

ए ज़िन्दगी एक बार तू नज़दीक आ तन्हा हूँ मैंए ज़िन्दगी एक बार तू नज़दीक आ तन्हा हूँ मैं,
या दूर से फिर दे कोई सदा तन्हा हूँ मैं,
दुनिया की महफ़िल मैं कहीं मैं हूँ भी या नहीं,
एक उम्र से इस सोच में डूबा हुआ हूँ मैं।

उतना हसीन फिर कोई लम्हा नहीं मिलाउतना हसीन फिर कोई लम्हा नहीं मिला,
तेरे जाने के बाद कोई भी तुझ सा नहीं मिला,
सोचा करूं मैं एक दिन खुद से ही गुफ्तगुं,
लेकिन कभी में खुद को तन्हा नहीं मिला।


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