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Home Alone Shayari in Hindi & English Alone Shayari in Hindi - अलोन शायरी इन हिंदी

जिंदगी के ज़हर को यूँ हँस के पी रहे है

जिंदगी के ज़हर को यूँ हँस के पी रहे हैजिंदगी के ज़हर को यूँ हँस के पी रहे है,
तेरे प्यार बिना यूँ ही ज़िन्दगी जी रहे है,
अकेलेपन से तो अब डर नहीं लगता हमें,
तेरे जाने के बाद यूँ ही तन्हा जी रहे है।

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एक पल का एहसास बनकर आते हो तुमएक पल का एहसास बनकर आते हो तुम,
दूसरे ही पल खुवाब बनकर उड़ जाते हो तुम,
जानते हो की लगता है डर तन्हाइयों से,
फिर भी बार बार तनहा छोड़ जाते हो तुम।

लौट आओ और मिलो उसी तड़प सेलौट आओ और मिलो उसी तड़प से,
अब तो मुझे मेरी वफाओं का सिला दे दो,
देखे है बहुत इसने तन्हाई के मौसम,
अब तो मेरे दिल को अपने दिल से मिला दो।

हमारा दिल किसी गहरी जुदाई के भँवर में हैहमारा दिल किसी गहरी जुदाई के भँवर में है,
हमारी आँख भी नम है कभी मिलने चले आओ,
हवाओं और फूलों की नई खुशबू बताती है,
तेरे आने का मौसम है कभी मिलने चले आओ।

कभी पहलू में आओ तो बताएँगे तुम्हेंकभी पहलू में आओ तो बताएँगे तुम्हें,
हाल-ए-दिल अपना तमाम सुनाएँगे तुम्हें,
काटी है अकेले कैसे हमने तन्हाई की रातें,
हर उस रात की तड़प दिखाएँगे तुम्हें।

उम्मीद तो मंज़िल पे पहुँचने की बड़ी थीउम्मीद तो मंज़िल पे पहुँचने की बड़ी थी,
तक़दीर मगर न जाने कहाँ सोयी पड़ी थी,
खुश थे कि गुजारेंगे रफाकत में सफ़र,
तन्हाई मगर बाहों को फैलाये खड़ी थी।

ए ज़िन्दगी एक बार तू नज़दीक आ तन्हा हूँ मैंए ज़िन्दगी एक बार तू नज़दीक आ तन्हा हूँ मैं,
या दूर से फिर दे कोई सदा तन्हा हूँ मैं,
दुनिया की महफ़िल मैं कहीं मैं हूँ भी या नहीं,
एक उम्र से इस सोच में डूबा हुआ हूँ मैं।

उसकी आरज़ू अब खो गयी हैउसकी आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियों की आदत सी हो गयी है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
बस एक मोहब्बत है, जो इन तन्हाइयों से हो गई है।

मैं तेरा दिवाना हूं इस बात से मुझे इंकार नहींमैं तेरा दिवाना हूं इस बात से मुझे इंकार नहीं,
कसूर तुम्हारी नजरों का है हम अकेले गुनहगार नहीं,
मेरी जुबां कुछ भी कहे दोस्तों,
मगर दिल कैसे कहे कि तुमसे प्यार नहीं।

उतना हसीन फिर कोई लम्हा नहीं मिलाउतना हसीन फिर कोई लम्हा नहीं मिला,
तेरे जाने के बाद कोई भी तुझ सा नहीं मिला,
सोचा करूं मैं एक दिन खुद से ही गुफ्तगुं,
लेकिन कभी में खुद को तन्हा नहीं मिला।

आज की रात जो मेरी तरह तन्हा हैआज की रात जो मेरी तरह तन्हा है,
मैं किसी तरह गुजारूँगा चला जाऊंगा,
तुम परेशाँ न हो बाब-ए-करम-वा न करो,
और कुछ देर पुकारूंगा चला जाऊंगा।

आज फिर से एहसास हुआ की में अकेला था और अकेला ही रहूँगाआज फिर से एहसास हुआ की,
में अकेला था और अकेला ही रहूँगा,
अब ना करूँगा किसी से चाहत,
ना कभी सी से अपने दिल की बात कहूंगा।

रात को जब चाँद सितारे चमकते हैरात को जब चाँद सितारे चमकते है,
हम हरदम आपकी याद में तड़पते है,
आप तो चले गए हो तन्हा छोड़ के हमको,
मगर हम आपसे मिलने को तरसते है।

फिर कहीं दूर से एक बार सदा दो मुझकोफिर कहीं दूर से एक बार सदा दो मुझको,
मेरी तन्हाई का एहसास दिला दो मुझको,
तुम तो चाँद हो तुम्हें मेरी ज़रुरत क्या है,
मैं दिया हूँ किसी चौखट पे जला दो मुझको।

मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगीमेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिनों को तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा मिलोगे तुम तुम्हें रातें रुलायेंगी।

इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी हैइंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियों की आदत सी हो गयी है,
न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
मोहब्बत अब तन्हाइयों से हो गई है।

मेरी आवाज उसे सुनाई नहीं देतीमेरी आवाज उसे सुनाई नहीं देती,
अब तो कोई उम्मीद भी दिखाई नहीं देती,
एहसास उसे और सब लोगों का है,
बस मेरी ही तन्हाई उसे दिखाई नहीं देती।

चलते चलते अकेले अब थक गए हमचलते चलते अकेले अब थक गए हम,
जो मंज़िल को जाये वो डगर चाहिए,
तन्हाई का बोझ अब और उठता नहीं,
अब हमको भी एक हमसफ़र चाहिए।

रात की तनहाइयों में बेचैन है हमरात की तनहाइयों में बेचैन है हम,
महफ़िल जमी है फिर भी अकेले है हम,
आप हमसे प्यार करें या न करें,
पर आपके बिना बिलकुल अधूरे है हम।

आगोश में ले लो मुझे बहुत अकेला हूँ मैंआगोश में ले लो मुझे बहुत अकेला हूँ मैं,
बसा लो दिल की धड़कन में अकेला हूँ मैं,
जो तुम नहीं ज़िन्दगी में तो फिर कुछ भी नहीं,
समा जाओ मुझमें कि अकेला हूँ मैं।

तुम जब आओगे तो खोया हुआ पाओगे मुझेतुम जब आओगे तो खोया हुआ पाओगे मुझे,
मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं,
मेरे कमरे को सजाने कि तमन्ना है तुम्हें,
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं।


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