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Home Bewafa Shayari 2 Line Bewafa Shayari in Hindi - 2 लाइन बेवफा शायरी इन हिंदी

अब के अब तस्लीम कर लें तू नहीं तो मैं सही

अब के अब तस्लीम कर लें तू नहीं तो मैं सहीअब के अब तस्लीम कर लें तू नहीं तो मैं सही,
कौन मानेगा कि हम में से बेवफा कोई नहीं।

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न रहा कर उदास ऐ दिल किसी बेवफा की याद मेंन रहा कर उदास ऐ दिल किसी बेवफा की याद में,
वो खुश है अपनी दुनिया में तेरा सबकुछ उजाड़ के।

ये ख्याल भी अच्छा है वफादार हो तुमये ख्याल भी अच्छा है वफादार हो तुम,
बेवफा हम हैं इलज़ाम भी कम नहीं।

वो कहता है कि मजबूरियां हैं बहुतवो कहता है कि मजबूरियां हैं बहुत,
साफ लफ़्ज़ों में खुद को बेवफा नहीं कहता।

किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होनाकिसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना,
मोहब्बत में यही लम्हा कयामत की निशानी है।

खुदा ने पूछा क्या सज़ा दूँ उस बेवफ़ा कोखुदा ने पूछा क्या सज़ा दूँ उस बेवफ़ा को,
दिल ने कहा मोहब्बत हो जाए उसे भी।

महबूब अगर बेवफा हो इश्क अगर सच्चा होमहबूब अगर बेवफा हो इश्क अगर सच्चा हो,
मेरे यारों कहानी कुछ अधूरी-सी लगती है।

मत रो किसी बेवफा को याद करकेमत रो किसी बेवफा को याद करके,
वो खुश है तुझे यूँ बर्बाद करके।

अपने तजुर्बे की आज़माइश की ज़िद थीअपने तजुर्बे की आज़माइश की ज़िद थी,
वर्ना हमको था मालूम कि तुम बेवफा हो जाओगे।

बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी ऐ दिल-ए-जानाबेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी ऐ दिल-ए-जाना,
आज ज़रा वक़्त पर आना मेहमान-ए-ख़ास हो तुम।

न जाने क्या है उसकी उदास आंखों मेंन जाने क्या है उसकी उदास आंखों में,
वो मुँह छुपा के भी जाये तो बेवफा न लगे।

इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत कीइतनी मुश्किल भी ना थी, राह मेरी मोहब्बत की,
कुछ ज़माना खिलाफ हुआ, कुछ वो बेवफा हो गए।

तू भी आईने की तरह बेवफा निकलातू भी आईने की तरह बेवफा निकला,
जो सामने आया उसी का हो गया।

सितम है लाश पर उस बेवफा का यह कहनासितम है लाश पर उस बेवफा का यह कहना,
कि आने का भी न किसी ने इंतज़ार किया।

काम आ सकी न अपनी वफायें तो क्या करेंकाम आ सकी न अपनी वफायें तो क्या करें,
उस बेवफा को भूल न जाये तो क्या करे।

बेवफा वक़्त था तुम थे या मुकद्दर था मेराबेवफा वक़्त था? तुम थे? या मुकद्दर था मेरा?
बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला।

अब भी तड़प रहा है तू उसकी याद मेंअब भी तड़प रहा है तू उसकी याद में,
उस बेवफा ने तेरे बाद कितने भुला दिए।

इतनी मुश्किल भी न थी राह मेरी मोहब्बत कीइतनी मुश्किल भी न थी राह मेरी मोहब्बत की,
कुछ ज़माना खिलाफ हुआ कुछ वो बेवफा हुए।

जुल्मो सितम सहते रहे एक बेवफा की आस मेजुल्मो सितम सहते रहे एक बेवफा की आस मे,
डुबो दिया मुझे दरिया ने दो घूट की प्यास में।

गर हमें तेरी बदनामियों का डर न होतागर हमें तेरी बदनामियों का डर न होता,
न तू बेवफा कहती, न मैं बेवफा होता।

मेरी तलाश का जुर्म है या मेरी वफा का क़सूरमेरी तलाश का जुर्म है या मेरी वफा का क़सूर,
जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला।


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