बारुद जैसी है अपुन की शख्सियत,
जहा से गुजरती है, लोग जलना शुरु कर देते हैं।
तूफ़ान में ताश के महल नहीं बनते,
रोने से बिगड़े मुकद्दर नहीं बनते,
सारी दुनिया को जीतने का दम रख ऐ बन्दे,
क्यूंकि एक हार से लोग फ़कीर,
और एक जीत से सिकंदर नहीं बनते।
अच्छी नज़र से देखों तो मुझमे भी संस्कार मिलेंगे,
वरना जुते और लात मिलेंगे।
जली को आग और बुझी को राख कहते है,
और जिसका status तुम पढ़ रहे हो,
उसे Attitude का बाप कहते है।
सनम तेरी नफरत में वो दम नहीं,
जो मेरी चाहत को मिटा दे,
ये महोब्बत है कोई खेल नहीं,
जो आज हंस के खेल और कल रो के भुला दिया।
हम आज भी अपने हुनर मे दम रखते है,
होश उड़ जाते है लोगो के जब हम कदम रखते है।
हम किसी का भी कर्ज़ नही रखा करते हैं,
एक सुनते है और दो सुना दिया करते हैं।
झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते हैं,
बाज़ की उडान में कभी आवाज़ नहीं होती।