अक्सर वही लोग हम पर वार करते हैं,
जिनपर हम हद से ज्यादा ऐतबार करते हैं।
एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे,
जरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे,
वो साहिल से देखते रहे डूबना हमारा,
हम भी खुद्दार थे पुकारा नहीं उसे।
युं तो गलत नही होते अंदाज चेहरों के लेकिन
लोग वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है।
हाल ऐ दिल बयां ना कर पाएंगे,
ज़िन्दगी तुझ बिन किस तरह बिताएंगे,
हमको आता ही नहीं जीना तेरे बगैर,
हम तो तुम्हारे बिन मर ही जायेंगे।
खफा रहने का शौक भी पूरा कर लो तुम,
लगता है तुम्हे हम ज़िंदा अच्छे नहीं लगते।
वफ़ा सबको मिली दुनिया में हमारे सिवा,
हमें जब भी प्यार हुआ बेकदरों से हुआ।
ये दिल अब किसी का ऐतबार नहीं करता,
करता है नफ़रतें मगर प्यार नहीं करता।
दुश्मनों की अब किसे जरूरत है,
अपने ही काफी है दर्द देने के लिए।
मैंने पूछा उनसे, भुला दिया मुझको कैसे?
चुटकियाँ बजा के वो बोले… ऐसे, ऐसे, ऐसे।