तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
इंतजार उसका जिस को अहसास तक नहीं,
एक शाम की मुलाकात को इश्क़ समझ बैठे।
इतनी फुर्सत किसको है,
जो हमारी याद में आंसू बहाये,
कोई नहीं इस दुनिया में,
जो हमे इस तरह से चाहे।
मेरे ज़ज्बात की कदर ही कहाँ,
सिर्फ इलज़ाम लगाना ही उनकी फितरत है।
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का,
अधूरी हो सकती है मगर खत्म नहीं।
बस आंखों ने रोना छोड़ा है,
दिल तो आज भी तेरे लिए रोता है।
हर सिग्नल तेरी याद दिलाता है,
तूने भी रंग कुछ इसी तरह बदला था।
तुज़से दोस्ती करने का हिसाब ना आया,
मेरे किसी भी सवाल का जवाब ना आया,
हम तो जागते रहे तेरे ही ख़यालो मे,
और तुझे सो कर भी हमारा ख्वाब ना आया।