जो जख्म दिखते नही है,
वो दुखते बहुत है।
टूटे हुए दिल भी धड़कतें है उम्र भर,
चाहें किसी की याद में चाहे किसी की फरियाद में।
इस तरह से लोग रूठ गये मुझसे,
जैसे मुझ सा बुरा दुनिया में कोई और नहीं।
तुम्हारा कोई बिछड़ेगा तो पूछेंगे तुमसे,
किसी के जाने पर आंसू क्यों आ जाते है।
एक तेरा ख्याल ही तो है मेरे पास,
वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है।
कट रही है ज़िंदगी रोते हुए,
और वो भी तुम्हारे होते हुए।
मेरी खामोशी हज़ार आवाजे लगाती है,
पर अफसोस वो तुम सुन नहीं सकतें।
बहुत माँगा खुदा से उस शख्स को,
जो नसीब में नहीं होता वो नहीं मिलता।
घुटन सी होने लगी है, इश्क़ जताते हुए,
मैं खुद से रूठ गया हूँ, तुम्हे मनाते हुए।