दो पल को ही सही पर मेरी तन्हाइयो में खो जाओ,
मैं तेरा और तुम मेरी दो पल के लिए हो जाओ।
यहाँ लोग अपनी गलती नही मानते,
किसी और को अपना क्या मानेंगें।
दीवारो से बाते करना एक अलग ही एहसास देता है,
आखिर कोई तो है जो हमे बिन परखे के सुन लेता है।
देख जिँदगी तू हमे रुलाना छोड दे,
अगर हम खफा हूऐ तो तूझे छोड देँगे।
आज इतना अकेला महसूस किया खुद को,
जैसे लोग दफना के चले गए हो।
स्टेशन जैसी हो गयी है ज़िन्दगी,
जहां लोग तो बहुत है, पर अपना कोई नहीं।
सूखे पत्ते की तरह थे हम,
किसी ने समेटा भी तो सिर्फ जलाने के लिए।
किसी को चाह कर न पाना दर्द देता है,
लेकिन पा कर खो देना जिंदगी तबाह कर देता है।