इंसानियत तो हमने ब्लड बैंक से सीखी हैं साहब,
जहां बोतलों पर मजहब नहीं लिखा जाता…!
हमारी शराफत का फायदा उठाना बंद कर दो,
जिस दिन हम बदमाश हो गए,कयामत आ जाएगी…!
तमन्ना तेरे जिस्म की होती तो छीन लेते दुनिया से,
मोहब्बत तेरी रूह से की इसलिए मांगते हैं खुदा से…!
रहते हैं आस पास ही लेकिन साथ नहीं होते,
कुछ लोग जलते हैं मुझसे बस खाक नहीं होते…!
अक्सर औकात की बात वहीं किया करते है,
जो कायर हमेशा झुंड में चला करते हैं…!
चर्चाए ख़ास हो तो किस्से भी जरुर होते है,
उँगलियाँ भी उनपर ही उठती है जो मशहूर होते है…!
अपना तो एक ही तरीका है यारो,
मांगों उसी से जो दे ख़ुशी से,
और जो न दे ख़ुशी से तो
छीन लो उसी से…!
बहुत से आए थे हमें गिराने,
कुछ ना कर पाए बीत गए ज़माने…!
वैसे दुश्मनी तो हम कुत्ते से भी नहीं करते है,
पर बीच में आ जाये तो शेर को भी नहीं छोड़ते…!