पंख ही काफ़ी नहीं हैं आसमानों के लिए,
हौसला भी चाहिए ऊंची उड़ानो के लिए।
लोग चुन लें जिसकी तहरीरें देने के लिए,
ज़िंदगी की वो किताब-ए-तर हो जाइए।
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत,
यह एक चिराग कई आँधियों पे भारी है।
आये हो निभाने को जब, किरदार ज़मीं पर,
कुछ ऐसा कर चलो कि ज़माना मिसाल दे।
खुद को यूँ खोकर ज़िन्दगी को मायूस न कर,
मंज़िलें चारों तरफ हैं रास्तों की तलाश कर।
चैन से रहने का हमको मशवरा मत दीजिये,
अब मजा देने लगी है ज़िन्दगी की मुश्किलें।
सबब तलाश करो अपने हार जाने का,
किसी की जीत पर रोने से कुछ नहीं होगा।
हुकूमत बाजुओं के ज़ोर पर तो कोई भी कर ले,
जो सबके दिल पे छा जाए उसे इंसान कहते हैं।
मंज़िल तो मिल ही जाएगी भटक कर ही सही,
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं।