ताज़ी हवा में फूलों की महक हो,
पहली किरण में चिड़ियों की चहक हो,
जब भी खोलो तुम अपनी पलकें,
उन पलकों में बस खुशियों की झलक हो।
सपनो के जहाँ से अब लौट आऔ,
हुई हे सुबह अब जाग जाओ,
चांद – तारों को अब कह कर अलविदा,
इस नए दिन की खुँशियों मे खो जाओ।
सुबह होते ही जब दुनिया आबाद होती है,
आँख खुलते ही आपकी याद आती है,
खुशियों के फूल हो आपके आँचल में,
ये मेरे होंठों पे पहली फ़रियाद होती है।
हमारी तो दुआ है, कोई गिला नहीं,
वो गुलाब जो आज तक खिला नहीं,
आज के दिन आपको वो सब कुछ मिले,
जो आज तक किसी को कभी मिला नहीं।
जाने कब सुबह सुबह वो रिश्ता बन गया,
अनजाना जाने कब अपना बन गया,
हमें एहसास भी न हुआ और,
कोई हमारी सुबह की ज़रुरत बन गया।
तेरे गमों को तेरी ख़ुशी कर दे,
हर सुबह तेरी दुनिया में रौशनी भर दे,
जब भी टूटने लगें तेरी साँसे,
खुदा तुझमें शामिल मेरी जिंदगी कर दे।
ए सुबह तुम जब भी आना,
सबके लिए खुशियां लाना,
हर चेहरे पर हंसी सजाना,
हर आँगन में फूल खिलाना।
फिर सुबह एक नई रोशन हुई,
फिर उम्मीदें नींद से झांकती मिली,
वक़्त का पंछी घरोंदे से उड़ा,
अब कहाँ ले जाए तूफाँ क्या पता।
आई है सुबह वो रोशनी लेके,
जैसे नए जोश की नयी किरण चमके,
विश्वास की लौ सदा जला के रखना,
देगी अंधेरों में रास्ता आपको दीया बनके।