अँधेरा गया उजाला आया,
चमकता खिलता दिन लाया,
चलो बनाये यादगार इसे,
क्योकि कोई न जाने कल की माया।
अँधेरी रात गयी हैं चमकता दिन खिला हैं,
पुरे जहा में मैंने सिर्फ आपको चुना हैं।
कोयल की कुहू कुहू में हैं जो मिठास,
नदिया के जल में भी है खनकती आवाज,
ऐसा ही सुरीला होगा आपका आज,
दिल से कहते हैं आपको सुप्रभात।
फूलों की वादियों में हो बसेरा तेरा,
सितारों के आँगन में हो घर तेरा,
दुआ है एक दोस्त की एक दोस्त को,
कि तुझ से भी खूबसूरत हो सवेरा तेरा।
गुज़र गई वो तारों वाली सुनहरी रात,
याद आ गई फिर से वही मीठी सी बात,
हो हर लम्हा तुम्हारी खुशियों से मुलाकात,
इसलिए करना मुस्कराहट के साथ,
अपने इस नए दिन की शुरुआत।
सवेरा होते ही दुनिया आबाद होती है,
पलकें खुलते ही इस दिल में तुम्हारी याद होती है,
खुदा करे भर जाए तुम्हारा दामन ख़ुशियों से,
हमारे लबों पर बस यही फ़रियाद होती है।
सूरज के निकलने का समय हो गया है,
फूलों के खिलने का समय हो गया है,
जाग भी जाओ ऐ दोस्त इस मीठी नींद से,
सपनों को सच करने का समय हो गया है।
फूलों की तरह खिलते रहो,
सूरज की तरह चमकते रहो,
और सारा दिन आप हँसते रहो।