जलने वाले जलते है,
जश्न हम मनाते है।
चलो तुम जलना शुरू करो,
में खुश होने जा रहा हु।
दिल में जलन,आंखो मे तल्खी, चहरे पर नकाब लिए फिरते है,
जिनके खुद के बही खाते बिगड़े पड़े है, वो मेरा हिसाब लिए फिरते है।
जो लोग हमें कामयाबी की दुआ दिया करते थे,
आज वो ही हमसे जलने लगे है।
जलने की बात ना किजीये,
अभी आपका नाम ले लू तो ना जाने कितने जल जायेंगे।
किसी की कामयाबी से कभी जलना नहीं,
क्योंकि बड़े महलों के नीचे भी कब्रिस्तान होते है।
आज कल लोग आग से कम,
दूसरे के चेहरे पे ख़ुशी देखकर ज्यादा जलते है।
अरे भाई कोई 112 पे फ़ोन करो,
लोग जल ही बहोत रहे है।
जलने वालो की तो अभी और जलानी है,
यह तो शुरुवात है, अभी पूरी कहानी बाकी है।