किस्मत पर एतबार किसको हैं,
मिल जाये खुशी इंकार किसको हैं,
कुछ मजबूरिया हैं मेरे दोस्त,
वरना जुदाई से प्यार किसको हैं।
टूटे मक़ान वाले दिल में ताजमहल रखता हूँ,
बात गहरी मगर अल्फ़ाज़ सरल रखता हूँ।
कहाँ कोई ऐसा मिला जिस पर हम दुनिया लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया, किस-किस को भुला देते,
अपने दिल का ज़ख्म दिल में ही दबाये रखा,
बयां करते तो महफ़िल को रुला देते।
हकीक़त कहो तो उनको ख्वाब लगता है,
शिकायत करो तो उनको मजाक लगता है,
कितनी शिद्दत से उन्हें याद करते हैं हम,
और एक वो हैं जिन्हें ये सब इत्तेफाक लगता है।
ज़रा सी ज़िंदगी है, अरमान बहुत हैं,
हमदर्द नहीं कोई, इंसान बहुत हैं,
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको,
जो दिल के करीब है, वो अनजान बहुत है।
दाद देते है हम तुम्हारे नजरअंदाज करने के हुनर को,
जिस ने भी सिखाया है वो उस्ताद कमाल का होगा।
खामोशियाँ कर देती बयां तो अलग बात है,
कुछ दर्द है जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते।
तरस गए आपके दिदार को,
फिर भी दिल आप ही को याद करता है,
हमसे खुश नसिब तो आपके घर का आईना है,
जो हर रोज आपके हुस्न का दिदार करता है।