जो बीत गया उसकी क्या बात करें,
जो था ही नहीं हमारा उसे हम अपना कैसे बोलें।
खुद के किस्से जिनके अधूरे होते है,
वो कहानियाँ बेहतरीन लिखते है।
जब से वो छोड़ गया है,
ज़िंदगी बेमतलब सी हो गई है।
किसी को उजाड़ कर बसे तो क्या बसे,
किसी को रुलाकर हँसे तो क्या हँसे।
टूट कर भी चाहा था मैंने तुम्हे,
और तोड़ कर रख दिया तुमने मुझे।
जब अपने ही गिराने में लगे हो,
तो संभलने में वक्त लगता है साहब।
उसे सिर्फ टाइमपास करना था हमसे,
और हम है कि मोहब्बत कर बैठे।
अगर तुम समझ पाते मेरी चाहत की इन्तहा,
तो हम तुमसे नही तुम हमसे मोहब्बत करते।