शिकायत है उन्हें कि
हमें मोहब्बत करना नहीं आता,
शिकवा तो इस दिल को भी है
पर इसे शिकायत करना नहीं आता।
उम्मीद से बढ़कर निकली तुम तो,
मैंने तो सोचा था दिल ही तोड़ोगी
तुमने तो मुझे ही तोड़ दिया।
अगर खुदा ने पूछा तो कह देंगे
हुई थी मोहब्बत हमें किसी से बेइंतेहा,
मगर जिससे हुई थी
हम उसके काबिल न थे।
बड़ा नादान सा चेहरा था उसका
उसकी चालाकी को मैं समझ ना सका,
वो कहती थी जान हो तुम, फिर चालाकी से
किसी और को अपना जान बना लिया।
जिससे उम्मीद हो अगर वही दिल दुखा दे,
तो भरोसा उस इंसान से ही नहीं
पूरी दुनियां से उठ जाता।
किसी ने हमसे सच ही कहा था
वक़्त मिले तो प्यार की किताब पढ़ लेना,
सच्चे प्यार करने वाले की कहानी
हमेशा अधूरी ही होती है।