वो जा रही थी
और मैं खामोश खड़ा देखता रहा,
क्योंकि सुना था कि पीछे से आवाज़ नहीं देते।
लोग कहते है दु:ख बुरा होता है
जब भी आता है रुलाकर जाता है,
लेकिन हम कहते दु:ख अच्छा होता है
जब भी आता है कुछ सीखा कर जाता है।
जिसकी गलतियों को भुला कर
मैने हर बार रिश्ता निभाया,
उसी ने मुझे हर बार
फालतू होने का एहसास दिलाया।
मिली थी जिन्दगी
किसी के काम आने के लिए,
पर वक्त बित रहा है,
कागज के टुकड़े कमाने के लिए।
हिम्मत नही अब मुझमें,
मैं खुद को साबित करूँ,
अब तो जो जैसा समझे
उसके लिए वैसा ही हूं मैं।
ना जाने उसकी बेरूखी हमें क्यों पसंद आई,
ना चाहते हुए भी उससे मोहब्बत हो गई,
उससे शिकवा भी क्या करें हम,
उसने नहीं पसंद तो हमने किया था उसे।
पहले मोहब्बत किया फिर
नजरअंदाज कर के धोखा दिया,
कुछ इस तरह एक शक्स ने
मुझे बड़ी तरकीब से तबाह किया।
भरम है तो भरम ही रहने दो,
जानता हूं मोहब्बत नहीं है,
पर जो भी है कुछ देर तो रहने दो।