न मैं गिरा न मेरी उम्मीदों की दीवारे गिरी,
पर मुझे गिराने में कई लोग बार बार गिरे।
एक उसूल पर गुजारी है जिंदगी मैंने,
जिसको अपना माना उसे कभी परखा नही।
बादशाह हो या मालिक सलामी हम नही करते,
पैसे हो या कोई राजकुमारी गुलामी हम नही करते।
पाना है मुक्काम वो मुक्काम अभी बाकी है,
अभी तो जमीन पै आये है असमान की उडान बाकी है।
तू नया नया है बेटे मैने खेल पुराने खेले है,
जिन लोगो के दम पर तू उछलता है, वो मेरे पुराने चेले है।
हमसे जलने वाले भी कमाल के होते है,
महफिले तो खुद की होती है पर चर्चे हमारे होते है।
मत पूछना मेरी शख्सियत के बारे में,
हम जैसे दिखते है वैसे ही लिखते है।
मेरी हस्ती को तुम क्या पहचानोगे,
हजारो मशहूर हो गए मुझे बदनाम करते करते।
शोर गुल मचाने से नाम नहीं बनता,
काम ऐसा करो की ख़ामोशी भी अखबारों में छप जाए।