कुछ लोग खुद को शेर समझते है,
मगर हम वो इंसान है, जो शेरो को भी कुत्ते जैसे घुमाते हैं।
नाम तो हर किसी का चल सकता है,
बस चलाने का दम होना चाहिये।
हमारी अफवाह के धुएं वही से उठते है,
जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती है।
अजीब सा ख़ौफ़ था उस शेर की आँखों में,
जिसने जंगल में हमारे जूतों के निशान देखे थे।
माचिस तो यूँ ही बदनाम है हुजुर,
हमारे तेवर तो आज भी आग लगाते है।
गन सिर्फ रखते ही नहीं बल्कि चलाना भी जानते है,
तू अपनी औक़ात में रह वरना उडाना भी जानते है।
हमारी अफवाह के धुंए वही से उठते है,
जहाँ हमारे नाम से आग लग जाती है।
मेरी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना,
पहले भी कई तूफानों का रुख मोड़ चुका हु।