तू मेरा ना हो सका कोई बात नहीं,
शहजादी तेरे लिए रोए तेरी इतनी औकात नहीं…!
मेरी हस्ती को तुम क्या पहचानोगे,
हजारो मशहूर हो गए मुझे बदनाम करते करते...!
तुम साथ न दो मेरा, चलना मुझे आता है,
हर आग से वाकिफ हुँ मैं, जलना मुझे आता है…!
मैँ थोड़ी सी फुलझडी क्या हुई,
सारा मोहला माचिस हो गया !!
अदा तो अपनी फुल कातिल है,
और Attitude मैं तो डिग्री हासिल है!
मेरे साथ रहना है तो मुझे सहना सीख,
वर्ना अपनी औकात में रहना सीख…!
हथेली पर रखकर नसीब,
तू क्यों अपना मुकद्दर ढूंढता है,
जरा सीख उस समंदर से,
जो टकराने के लिये पत्थर ढूंढता है…!
बात भी उन्हीं की होती है,
जिनमें कोई बात होती है