एक तरफ हम है जो अपनी जिद पर अड़े है,
और एक तरफ हमारी जिंदगी जिसे हारना पसंद नहीं है,
वो चले थे तोड़ने हमे शीशा समझकर,
पर वो शायद भूल गए पथकर को तोडना आसान नहीं है।
मैं जानता हु तेरा इश्क मेरी किसमत में नहीं लेकिन,
फिर भी मैं तुझपे अपनी ज़िन्दगी लुटाना चाहता हु,
अपनी मोहब्बत से मोहब्बत बिना पाए कैसे करते है,
मैं इस युग के दीवानों को सिखाना चाहता हु।
बस इतना कसूर था मेरा,
एकतरफा प्यार किया उसको,
बताता भी तो कैसे बताता,
किसी और से प्यार था उसको।
बिन बताये उसने ना जाने क्यों ये दूरी कर दी,
बिछड़ के उसने मोहब्बत ही अधूरी कर दी,
मेरे मुकद्दर में ग़म आये तो क्या हुआ,
खुदा ने उसकी ख्वाहिश तो पूरी कर दी।
रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हम ने,
कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने,
हाँ, मालूम है क्या चीज़ है मुहब्बत यारो,
अपना ही घर जल कर देखें है उजाले हमने।
मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी,
बदले में उसने मुझे सिर्फ खामोशी दे दी,
खुदा से दुआ मांगी मरने की लेकिन,
उसने भी तड़पने के लिए जिन्दगी दे दी।
हाले दिल वो प्यार से पूछने आए,
मेरी कमजोरी को वो परखने आए,
कौन क्या है कहना मुश्किल है,
लोग ऐसे-ऐसे मेरे सामने आए।
रोना पड़ता है मुस्कुराने के बाद,
याद आते है वो दूर जाने के बाद,
दिल तो दुखता है उसी के लिए,
जो अपना ना हो सके इतनी मोहब्बत जताने के बाद।
आँसू आ जाते है रोने से पहले,
ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले,
लोग कहते है मोहब्बत गुनाह है,
काश कोई रोक लेते गुनाह होने से पहले।