हाथ तो उनके भी ज़ख्मी हुए होंगे,
इस पत्थर दिल को तोड़ वो कहाँ खुश रहे होंगे,
जब तोड़ा होगा हमारा दिल बेरहमी से,
तकलीफ से उनके आँसू भी बहे होंगे।
ज़िन्दगी में सिर्फ दर्द और गम पाया है,
जो हमारा था हमने वो गवाया है,
दूसरों को खुशी देने के लिए,
खुद को तकलीफ से वाकिफ कराया है।
कदर करलो उनकी जो तुमसे,
बिना मतलब की चाहत करते है,
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम,
और तकलीफ देने वाले ज्यादा होते है।
हमारे दिल में हर रोज़ एक सवाल आता है,
वो सवाल हमें तकलीफ से तड़पाता है,
के जो भी वफ़ा करता है इश्क़ में,
वो अक्सर अकेला क्यों रह जाता है।
तुम मुझे दर्द देकर अगर खुश हो तो,
मैं तेरी खुशी में खुश हो जाऊंगा,
मुझे जितनी तकलीफ देनी है दे लो,
मैं तेरा दिया हर एक गम सहता जाऊंगा।
तकलीफ तो सबको हे कोई न कोई,
सिर्फ खुशिया ज़िन्दगी में किसे मिल पाई है,
हमें तो जीना ही है हर हाल में यही पर,
तो फिर मुस्कुरा कर जीने में क्या बुराई है।
ए खुदा काश तेरा भी एक खुदा होता तो,
तुझे भी ये अहसास होता कि,
दुआ कुबुल ना होने पे कितनी तकलीफ होती है।
मेरी फितरत मेँ नही,
अपना ग़म बयां करना,
अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ,
तो महसूस कर तकलीफ मेरी ।
निगाहों से कत्ल कर दे, ना हो तकलीफ दोनों को,
तुझे खंजर उठाने की, मुझे गरदन झुकाने की।
ज़िन्दगी में जितना बडा सपना देखोगे,
उतनी ही बडी तकलीफें होगी,
और जितनी बडी तकलीफें होगी उतनी,
बडी कामयाबी होगी।
अच्छे दोस्त हाथऔर आँख की तरह होते हैं,
जब हाथ को तकलीफ होती है तो आँख रोती है,
और जब आँख रोती है तो हाथ आँसू पोछते हैं।
मेरे यार को मेरी तकलीफ और दर्द से,
कभी कुछ फर्क ही नहीं पड़ा,
मैं बेवकूफ की तरह खुद को तड़पा रहा हूं।
कुछ लोग ज़िंदगी मे ऐसे होते हैं,
चाहे वो तकलीफ कितनी भी दें,
लेकिन उनसे मोहब्बत कभी कम नहीं होती।
तकलीफ ये नहीं की,
किस्मत ने मुझे धोखा दिया,
तकलीफ तो ये है मेरा,
यकीन तुम पे था किस्मत पे नहीं।
दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है,
बड़ी मुस्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है,
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो,
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है।
ए मेरी जिन्दगी यूँ मुझसे दगा ना कर,
उसे भुला कर जिन्दा रहू दुआ ना कर,
कोई उसे देखता हैं तो होती हैं तकलीफ,
ए हवा तू भी उसे छुवा ना कर।
शाम सूरज को ढलना सिखाती है,
शमा परवाने को जलना सिखाती है,
गिरने वाले को होती तो है तकलीफ ,
पर ठोकर इंसान को चलना सिखाती है।
जनाजा मेरा उठ रहा था,
फिर भी तकलीफ थी उसे आने में,
बेवफा घर में बैठी पूछ रही थी,
और कितनी देर है दफनाने में।
किसी को तकलीफ़ देकर मुझसे,
अपनी ख़ुशी की दुआ मत करना लेकिन,
अगर किसी को एक पल की भी ख़ुशी देते हो,
तो अपनी तकलीफ़ की फ़िक्र मत करना।
आदत बना ली मैंने, खुद को तकलीफ देने की,
ताकि जब अपना कोई तकलीफ दे, तो तकलीफ ना हो।
सारी रात तकलीफ देता है,
बस यही एक सवाल साहब,
के वफ़ा करने वाले अक्सर,
तनहा क्यों रह जाते है।
तुम्हारा रूठ जाना हमें तड़पाता है,
तेरा गैरों से बात करना दिल जलाता है,
हमें देख कर तेरा अनदेखा कर देना,
दिल को दर्द और तकलीफ दे जाता है।
बहुत से लोगों को छोड़ मै तेरे पास आया था,
तुम्हें अपना समझा तुमने मुझे ठुकराया था,
तुमसे हम आस करते थे ख़ुशियों की मगर,
तू हमारी ज़िंदगी में तकलीफ लेकर आया था।
उसने हमें बहुत आज़माया है,
इश्क़ में दर्द सहने के काबिल बनाया है,
जिससे हम पाना चाहते थे खुशियाँ,
उससे तकलीफों का भंडार पाया है।
तकलीफ होती है हमें जब तू,
किसी और से नज़रें मिलाता है,
तकलीफ होती है जब हमें बेगाना,
और गैरों को तू अपना बताता है।
देख के इनहे तुम्हे तकलीफ न हो कही,
अपना हर ज़ख़्म तुमसे छुपाते है,
तड़प न उठो मेरा महसूस कर काफी,
हम खामखा ही मुस्कुरा लेते हे।
डूबता सूरज ढलता दिन,
क्यूँ इस कदर कचौटता हैं यह मुझे,
शायद तकलीफ करता हैं बयाँ,
फिर बिता एक दिन तेरे बिना।
पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम,
गलती हुई क्योकि इंसान थे हम,
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं,
कभी उसी शख्स की जान थे हम।
जिन्दगी में दो लोग बहुत तकलीफ देते है,
एक वो जिससे प्यार न हो और उसके साथ रहना पड़े,
दूसरा वो जिससे हद से ज्यादा प्यार हो,
और उसके बिना रहना पड़े।
किसी को तकलीफ देना मेरी आदत नहीं,
बिन बुलाया मेहमान बनना मेरी आदत नहीं,
मैं अपने गम में रहती हूँ नबाबों की तरह,
परायी ख़ुशी के पास जाना मेरी आदत नहीं।