तुम साथ न दो मेरा चलना मुझे आता है,
हर आग से वाकिफ हूँ, जलना मुझे आता है।
किसी की कामयाबी से कभी जलना नहीं,
क्योंकि बड़े महलों के नीचे भी कब्रिस्तान होते हे।
कौन समझाए उन्हें इतनी जलन ठीक नहीं,
जो ये कहते हैं मेरा चाल-चलन ठीक नहीं।
जो लोग हमें कामयाबी की दुआ दिया करते थे,
आज वो ही हमसे जलने लगे हे।
बाँये गाल को चूमती ज़ुल्फें,
दाँया गाल जलन से लाल हुआ जाए।
कमाल करते हैं हमसे जलन रखने वाले भी,
महफ़िले खुद की सजाते हैं और चर्चे हमारे करते हैं।
बातें अजीब सी खुद से करता है दिल,
एक पल भी सुकूँ में नहीं रहता है दिल,
पता नहीं चलता क्या माज़रा है इसका,
चाहता नहीं उसे तो क्यों जलता है दिल।
अक्सर होती है लोगों को वफ़ा में जलन,
ये होती है क्यों दिल के मकां में जलन,
पता नहीं चलता परवाह भी होती है,
क्या बनाई है खुदा तूने ये इंसां में जलन।
कलेजे में जलन, आंखों में पानी छोड़ जाती हो,
मगर उम्मीद की चुनर को धानी छोड़ जाती हो,
सताने कि तुम्हारी ये अदा भी कम नहीं जाना,
कि घर में अपनी कोई एक निशानी छोड़ जाती हो।
सुना है तेरी तारीफो से जलते हे कुछ लोग,
तो सोचा तेरी थोड़ी और तारीफ करते हे,
उन्हें और जलने देते हे।