बातें अजीब सी खुद से करता है दिल,
एक पल भी सुकूँ में नहीं रहता है दिल,
पता नहीं चलता क्या माज़रा है इसका,
चाहता नहीं उसे तो क्यों जलता है दिल।
बहोत से सवाल उठ रहे हैं,
हमारी खामोशी पर सब्र रखो,
जलने वालों से लेकर चाहने वालों तक,
सबको जवाब मिलेगा।
जलवे बरकरार रखिए जनाब उनके लिए,
जो आपसे जलते है,
कम्बख्त यही तो वो लोग हे,
जो आपके हौसलों को नई उड़ान देते हे।
तू हसीं इतनी और मुझे मोहब्बत तुझसे,
दुनिया को तो खिलना ही था,
जब सारा प्यार मिले जहाँ का चाँद को,
सूरज को तो जलना ही था।
उसे देख किसी के साथ मेरा खून जला,
हर काम करने का मेरा तब जुनून जला,
क्या बताऊँ क्या क्या खो दिया है मैंने,
बस मैं नहीं जला मेरा सारा सुकून जला।
किसी और के साथ देख जलते हैं वो,
ये बातें बयां किसी और से करते हैं वो,
हम ना मिलेंगे कभी किसी और से पर,
प्यार का इज़हार करने से डरते हैं वो।
पत्थर दिल है ये जगवाले,
जाने न कोई मेरे दिल की जलन,
जबसे है जनमी प्यार की दुनिया,
तुझको है मेरी मुझे तेरी लगन।
हमें इतनी फुर्सत कहाँ की तकदीर का लिखा देखे,
बस लोगो की जलन देख कर समझ जाते है,
की हमारी तकदीर बुलंद है।