टूटी कलम और गैरों से जलन,
हमें खुद का भाग्य लिखने नही देती।
कलेजे में जलन, आंखों में पानी छोड़ जाती हो,
मगर उम्मीद की चुनर को धानी छोड़ जाती हो,
सताने कि तुम्हारी ये अदा भी कम नहीं जाना,
कि घर में अपनी कोई एक निशानी छोड़ जाती हो।
चलो तुम जलना शुरू करो,
में खुश होने जा रही हु।
मै दुनिया के जलने का इंतजाम कर आया हूँ,
तू मेरा इश्क है, ये खुलेआम कह कर आया हूँ।
उसे देख किसी के साथ मेरा खून जला,
हर काम करने का मेरा तब जुनून जला,
क्या बताऊँ क्या क्या खो दिया है मैंने,
बस मैं नहीं जला मेरा सारा सुकून जला।
अभी तो हमारे चर्चे शुरू भी नहीं हुए,
और जलने वालों ने अभी से फड़फड़ाना शुरूकर दिया।
किसी की कामयाबी से कभी जलना नहीं,
क्योंकि बड़े महलों के नीचे भी कब्रिस्तान होते हे।
हमें इतनी फुर्सत कहाँ की तकदीर का लिखा देखे,
बस लोगो की जलन देख कर समझ जाते है,
की हमारी तकदीर बुलंद है।
आग तो है ये इश्क़ मगर एहसास होता नहीं,
जलन का बस दर्द होता है मीठा-मीठा।
कौन समझाए उन्हें इतनी जलन ठीक नहीं,
जो ये कहते हैं मेरा चाल-चलन ठीक नहीं।