पत्थर दिल है ये जगवाले,
जाने न कोई मेरे दिल की जलन,
जबसे है जनमी प्यार की दुनिया,
तुझको है मेरी मुझे तेरी लगन।
लोग आपसे बिना कारण जलन करते हैं,
एक कारण ही दे दो उन्हें ईर्ष्या करने का।
जलने लगा है जमाना सारा,
क्योकि चलने लगा है अब टाइम हमारा।
जो लोग हमें कामयाबी की दुआ दिया करते थे,
आज वो ही हमसे जलने लगे हे।
कौन समझाए उन्हें इतनी जलन ठीक नहीं,
जो ये कहते हैं मेरा चाल-चलन ठीक नहीं।
जलने जलाने का अंदाज बदल रखा है,
अपनी झोपड़ी का नाम राजमहल रखा है।
कमाल करते हैं हमसे जलन रखने वालें,
महफिलें खुद की सजाते हैं,और चर्चे हमारे करते हैं।
जलने लगा है जमाना सारा,
क्योंकि चलने लगा है नाम हमारा।
अक्सर होती है लोगों को वफ़ा में जलन,
ये होती है क्यों दिल के मकां में जलन,
पता नहीं चलता परवाह भी होती है,
क्या बनाई है खुदा तूने ये इंसां में जलन।
कलेजे में जलन, आंखों में पानी छोड़ जाती हो,
मगर उम्मीद की चुनर को धानी छोड़ जाती हो,
सताने कि तुम्हारी ये अदा भी कम नहीं जाना,
कि घर में अपनी कोई एक निशानी छोड़ जाती हो।