अब तो इन आँखों से भी, जलन होती है मुझे,
खुली हो तो ख्याल तेरे, बंद हो तो ख़्वाब तेरे।
बाजार मे जीने का अलग ही मजा है,
लोग जलना नही छोड़ते और हम मुस्कुराना नही छोड़ते हैं।
कमाल करते हैं हमसे जलन रखने वालें,
महफिलें खुद की सजाते हैं,और चर्चे हमारे करते हैं।
जलने जलाने का अंदाज बदल रखा है,
अपनी झोपड़ी का नाम राजमहल रखा है।
प्रेम में जितनी गहराई होगी,
अलगाव होने पर जलन भी उतनी ही गहरी होगी।
कलेजे में जलन, आंखों में पानी छोड़ जाती हो,
मगर उम्मीद की चुनर को धानी छोड़ जाती हो,
सताने कि तुम्हारी ये अदा भी कम नहीं जाना,
कि घर में अपनी कोई एक निशानी छोड़ जाती हो।
महसूस तब हुआ जब सारा शहर मुझसे जलने लगा,
तब समझ मे आया कि साला अपना भी नाम चलने लगा।