ना जाने कौन सा नमक है इन आँखों के पानी में,
बरसती तो चेहरे से है और जलन दिल में होती है।
जो लोग हमें कामयाबी की दुआ दिया करते थे,
आज वो ही हमसे जलने लगे हे।
जलने लगा है जमाना सारा,
क्योंकि चलने लगा है नाम हमारा।
तुम साथ न दो मेरा चलना मुझे आता है,
हर आग से वाकिफ हूँ, जलना मुझे आता है।
कलेजे में जलन, आंखों में पानी छोड़ जाती हो,
मगर उम्मीद की चुनर को धानी छोड़ जाती हो,
सताने कि तुम्हारी ये अदा भी कम नहीं जाना,
कि घर में अपनी कोई एक निशानी छोड़ जाती हो।
भगवान ने हमें खुशियाँ ही खुशियाँ दी हैं,
जलन और परेशानी हमारी अपनी खोज है।
राख बेशक हूँ, मगर मुझ में हरकत है अभी बाक़ी,
जिसको जलने की तमन्ना हो , हवा दे मुझको।
जलने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं मुझसे,
जब भी मिलते है कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं।