उसे देख किसी के साथ मेरा खून जला,
हर काम करने का मेरा तब जुनून जला,
क्या बताऊँ क्या क्या खो दिया है मैंने,
बस मैं नहीं जला मेरा सारा सुकून जला।
बातें अजीब सी खुद से करता है दिल,
एक पल भी सुकूँ में नहीं रहता है दिल,
पता नहीं चलता क्या माज़रा है इसका,
चाहता नहीं उसे तो क्यों जलता है दिल।
पत्थर दिल है ये जगवाले,
जाने न कोई मेरे दिल की जलन,
जबसे है जनमी प्यार की दुनिया,
तुझको है मेरी मुझे तेरी लगन।
अक्सर होती है लोगों को वफ़ा में जलन,
ये होती है क्यों दिल के मकां में जलन,
पता नहीं चलता परवाह भी होती है,
क्या बनाई है खुदा तूने ये इंसां में जलन।