टूटी कलम और गैरों से जलन,
हमें खुद का भाग्य लिखने नही देती।
प्रेम में जितनी गहराई होगी,
अलगाव होने पर जलन भी उतनी ही गहरी होगी।
ना किसी से जलन, ना किसी से कोई होड़,
मेरी अपनी मंजीलें,मेरी अपनी दौड़।
जलने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं मुझसे,
जब भी मिलते है कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं।
है मनाते दूसरो की हार का जश्न,
जित देख दूसरो की होती है जलन,
क्या यही हे आज के नए ज़माने का चलन।
कमाल करते हैं हमसे जलन रखने वाले भी,
महफ़िले खुद की सजाते हैं और चर्चे हमारे करते हैं।
कलेजे में जलन, आंखों में पानी छोड़ जाती हो,
मगर उम्मीद की चुनर को धानी छोड़ जाती हो,
सताने कि तुम्हारी ये अदा भी कम नहीं जाना,
कि घर में अपनी कोई एक निशानी छोड़ जाती हो।
मै दुनिया के जलने का इंतजाम कर आया हूँ,
तू मेरा इश्क है, ये खुलेआम कह कर आया हूँ।