जो लोग हमें कामयाबी की दुआ दिया करते थे,
आज वो ही हमसे जलने लगे हे।
जलने वाले जलते है जब आपना नाम सुनते हैं,
नाम ही कुछ ऐसा है दुश्मन भी इज्जत करता है।
राख बेशक हूँ, मगर मुझ में हरकत है अभी बाक़ी,
जिसको जलने की तमन्ना हो , हवा दे मुझको।
अभी तो हमारे चर्चे शुरू भी नहीं हुए,
और जलने वालों ने अभी से फड़फड़ाना शुरूकर दिया।
बाजार मे जीने का अलग ही मजा है,
लोग जलना नही छोड़ते और हम मुस्कुराना नही छोड़ते हैं।
कौन समझाए उन्हें इतनी जलन ठीक नहीं,
जो ये कहते हैं मेरा चाल-चलन ठीक नहीं।
महसूस तब हुआ जब सारा शहर मुझसे जलने लगा,
तब समझ मे आया कि साला अपना भी नाम चलने लगा।
उन लोगों के सामने खुश रहिये जो आपको पसंद नहीं करते,
उन्हें जलाने के लिए काफी है यह।
अक्सर होती है लोगों को वफ़ा में जलन,
ये होती है क्यों दिल के मकां में जलन,
पता नहीं चलता परवाह भी होती है,
क्या बनाई है खुदा तूने ये इंसां में जलन।
कलेजे में जलन, आंखों में पानी छोड़ जाती हो,
मगर उम्मीद की चुनर को धानी छोड़ जाती हो,
सताने कि तुम्हारी ये अदा भी कम नहीं जाना,
कि घर में अपनी कोई एक निशानी छोड़ जाती हो।