बातें अजीब सी खुद से करता है दिल,
एक पल भी सुकूँ में नहीं रहता है दिल,
पता नहीं चलता क्या माज़रा है इसका,
चाहता नहीं उसे तो क्यों जलता है दिल।
हमें इतनी फुर्सत कहाँ की तकदीर का लिखा देखे,
बस लोगो की जलन देख कर समझ जाते है,
की हमारी तकदीर बुलंद है।
तू हसीं इतनी और मुझे मोहब्बत तुझसे,
दुनिया को तो खिलना ही था,
जब सारा प्यार मिले जहाँ का चाँद को,
सूरज को तो जलना ही था।