कलेजे में जलन, आंखों में पानी छोड़ जाती हो,
मगर उम्मीद की चुनर को धानी छोड़ जाती हो,
सताने कि तुम्हारी ये अदा भी कम नहीं जाना,
कि घर में अपनी कोई एक निशानी छोड़ जाती हो।
हमें इतनी फुर्सत कहाँ की तकदीर का लिखा देखे,
बस लोगो की जलन देख कर समझ जाते है,
की हमारी तकदीर बुलंद है।
जलने वाले की दुआ से ही बरकत है,
वरना अपना कहने वाले तो याद भी नहीं करते।
ना किसी से जलन, ना किसी से कोई होड़,
मेरी अपनी मंजीलें,मेरी अपनी दौड़।
जलन होती है ग़ालिब इन हवाओ से,
कमबख्त ये भी उसे छू कर चलती हे।
टूटी कलम और गैरों से जलन,
हमें खुद का भाग्य लिखने नही देती।
चाहने वाले कि चाहत और जलने वाले की जलन,
हमेशा खुशीयां देती है, हमें बस दुआ में याद रखना।
महसूस तब हुआ जब सारा शहर मुझसे जलने लगा,
तब समझ मे आया कि साला अपना भी नाम चलने लगा।
ग़ज़ब ख़ूबसूरत है तुम्हारा हर अन्दाज़,
इश्क़ में जलने का , मुहब्बत में जलाने का।