ग़ज़ब ख़ूबसूरत है तुम्हारा हर अन्दाज़,
इश्क़ में जलने का , मुहब्बत में जलाने का।
महसूस तब हुआ जब सारा शहर मुझसे जलने लगा,
तब समझ मे आया कि साला अपना भी नाम चलने लगा।
हमें इतनी फुर्सत कहाँ की तकदीर का लिखा देखे,
बस लोगो की जलन देख कर समझ जाते है,
की हमारी तकदीर बुलंद है।
अक्सर होती है लोगों को वफ़ा में जलन,
ये होती है क्यों दिल के मकां में जलन,
पता नहीं चलता परवाह भी होती है,
क्या बनाई है खुदा तूने ये इंसां में जलन।
कमाल करते हैं हमसे जलन रखने वाले भी,
महफ़िले खुद की सजाते हैं और चर्चे हमारे करते हैं।
कलेजे में जलन, आंखों में पानी छोड़ जाती हो,
मगर उम्मीद की चुनर को धानी छोड़ जाती हो,
सताने कि तुम्हारी ये अदा भी कम नहीं जाना,
कि घर में अपनी कोई एक निशानी छोड़ जाती हो।
बाँये गाल को चूमती ज़ुल्फें,
दाँया गाल जलन से लाल हुआ जाए।
मै दुनिया के जलने का इंतजाम कर आया हूँ,
तू मेरा इश्क है, ये खुलेआम कह कर आया हूँ।
चाहने वाले कि चाहत और जलने वाले की जलन,
हमेशा खुशीयां देती है, हमें बस दुआ में याद रखना।
जलने जलाने का अंदाज बदल रखा है,
अपनी झोपड़ी का नाम राजमहल रखा है।