पत्थर दिल है ये जगवाले,
जाने न कोई मेरे दिल की जलन,
जबसे है जनमी प्यार की दुनिया,
तुझको है मेरी मुझे तेरी लगन।
हमें इतनी फुर्सत कहाँ की तकदीर का लिखा देखे,
बस लोगो की जलन देख कर समझ जाते है,
की हमारी तकदीर बुलंद है।
बातें अजीब सी खुद से करता है दिल,
एक पल भी सुकूँ में नहीं रहता है दिल,
पता नहीं चलता क्या माज़रा है इसका,
चाहता नहीं उसे तो क्यों जलता है दिल।
उसे देख किसी के साथ मेरा खून जला,
हर काम करने का मेरा तब जुनून जला,
क्या बताऊँ क्या क्या खो दिया है मैंने,
बस मैं नहीं जला मेरा सारा सुकून जला।
जलवे बरकरार रखिए जनाब उनके लिए,
जो आपसे जलते है,
कम्बख्त यही तो वो लोग हे,
जो आपके हौसलों को नई उड़ान देते हे।
तू हसीं इतनी और मुझे मोहब्बत तुझसे,
दुनिया को तो खिलना ही था,
जब सारा प्यार मिले जहाँ का चाँद को,
सूरज को तो जलना ही था।