अक्सर होती है लोगों को वफ़ा में जलन,
ये होती है क्यों दिल के मकां में जलन,
पता नहीं चलता परवाह भी होती है,
क्या बनाई है खुदा तूने ये इंसां में जलन।
प्रेम में जितनी गहराई होगी,
अलगाव होने पर जलन भी उतनी ही गहरी होगी।
कलेजे में जलन, आंखों में पानी छोड़ जाती हो,
मगर उम्मीद की चुनर को धानी छोड़ जाती हो,
सताने कि तुम्हारी ये अदा भी कम नहीं जाना,
कि घर में अपनी कोई एक निशानी छोड़ जाती हो।
जलने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं मुझसे,
जब भी मिलते है कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं।
सुना है तेरी तारीफो से जलते हे कुछ लोग,
तो सोचा तेरी थोड़ी और तारीफ करते हे,
उन्हें और जलने देते हे।
है मनाते दूसरो की हार का जश्न,
जित देख दूसरो की होती है जलन,
क्या यही हे आज के नए ज़माने का चलन।
जो लोग हमें कामयाबी की दुआ दिया करते थे,
आज वो ही हमसे जलने लगे हे।
किसी की कामयाबी से कभी जलना नहीं,
क्योंकि बड़े महलों के नीचे भी कब्रिस्तान होते हे।
उसकी जलन भी लाजवाब है,
उसकी हर बात में प्यार जो है।
ग़ज़ब ख़ूबसूरत है तुम्हारा हर अन्दाज़,
इश्क़ में जलने का , मुहब्बत में जलाने का।