तुम साथ न दो मेरा चलना मुझे आता है,
हर आग से वाकिफ हूँ, जलना मुझे आता है।
कलेजे में जलन, आंखों में पानी छोड़ जाती हो,
मगर उम्मीद की चुनर को धानी छोड़ जाती हो,
सताने कि तुम्हारी ये अदा भी कम नहीं जाना,
कि घर में अपनी कोई एक निशानी छोड़ जाती हो।
कौन समझाए उन्हें इतनी जलन ठीक नहीं,
जो ये कहते हैं मेरा चाल-चलन ठीक नहीं।
तू हसीं इतनी और मुझे मोहब्बत तुझसे,
दुनिया को तो खिलना ही था,
जब सारा प्यार मिले जहाँ का चाँद को,
सूरज को तो जलना ही था।
चलो तुम जलना शुरू करो,
में खुश होने जा रही हु।
जो लोग हमें कामयाबी की दुआ दिया करते थे,
आज वो ही हमसे जलने लगे हे।
किसी और के साथ देख जलते हैं वो,
ये बातें बयां किसी और से करते हैं वो,
हम ना मिलेंगे कभी किसी और से पर,
प्यार का इज़हार करने से डरते हैं वो।
राख बेशक हूँ, मगर मुझ में हरकत है अभी बाक़ी,
जिसको जलने की तमन्ना हो , हवा दे मुझको।
बाँये गाल को चूमती ज़ुल्फें,
दाँया गाल जलन से लाल हुआ जाए।
शांत रहिये और मुस्कुराते रहिय,
यह काफी है आपसे जलने वालों को और जलाने के लिए।
हमें इतनी फुर्सत कहाँ की तकदीर का लिखा देखे,
बस लोगो की जलन देख कर समझ जाते है,
की हमारी तकदीर बुलंद है।
चाहने वाले कि चाहत और जलने वाले की जलन,
हमेशा खुशीयां देती है, हमें बस दुआ में याद रखना।
भगवान ने हमें खुशियाँ ही खुशियाँ दी हैं,
जलन और परेशानी हमारी अपनी खोज है।
जलने लगा है जमाना सारा,
क्योंकि चलने लगा है नाम हमारा।
टूटी कलम और गैरों से जलन,
हमें खुद का भाग्य लिखने नही देती।
उन लोगों के सामने खुश रहिये जो आपको पसंद नहीं करते,
उन्हें जलाने के लिए काफी है यह।
अभी तो हमारे चर्चे शुरू भी नहीं हुए,
और जलने वालों ने अभी से फड़फड़ाना शुरूकर दिया।
मोह में हम बुराई नहीं देख पाते,
और जलन में हम अच्छाई नहीं देख पाते।
कमाल करते हैं हमसे जलन रखने वालें,
महफिलें खुद की सजाते हैं,और चर्चे हमारे करते हैं।
आग तो है ये इश्क़ मगर एहसास होता नहीं,
जलन का बस दर्द होता है मीठा-मीठा।
मेरी काबिलियत से क्यों जलते हो साहब,
जलना है तो मोहब्बत करने वालों से जलो।
जलने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं मुझसे,
जब भी मिलते है कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं।
महसूस तब हुआ जब सारा शहर मुझसे जलने लगा,
तब समझ मे आया कि साला अपना भी नाम चलने लगा।
बातें अजीब सी खुद से करता है दिल,
एक पल भी सुकूँ में नहीं रहता है दिल,
पता नहीं चलता क्या माज़रा है इसका,
चाहता नहीं उसे तो क्यों जलता है दिल।
उसकी जलन भी लाजवाब है,
उसकी हर बात में प्यार जो है।
जलवे बरकरार रखिए जनाब उनके लिए,
जो आपसे जलते है,
कम्बख्त यही तो वो लोग हे,
जो आपके हौसलों को नई उड़ान देते हे।
पत्थर दिल है ये जगवाले,
जाने न कोई मेरे दिल की जलन,
जबसे है जनमी प्यार की दुनिया,
तुझको है मेरी मुझे तेरी लगन।
ग़ज़ब ख़ूबसूरत है तुम्हारा हर अन्दाज़,
इश्क़ में जलने का , मुहब्बत में जलाने का।
ना जाने कौन सा नमक है इन आँखों के पानी में,
बरसती तो चेहरे से है और जलन दिल में होती है।
कमाल करते हैं हमसे जलन रखने वाले भी,
महफ़िले खुद की सजाते हैं और चर्चे हमारे करते हैं।