कदर करलो उनकी जो तुमसे,
बिना मतलब की चाहत करते है,
दुनिया में ख्याल रखने वाले कम,
और तकलीफ देने वाले ज्यादा होते है।
यही तो फितरत है इंसान की,
मोहब्बत ना मिले तो सब्र नहीं कर पाते,
और मिल जाए तो,
उसकी कदर नहीं कर पाते।
ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हूँ मैं,
हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही,
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं।
वक्त रहते वक्त की कदर करना सीख गये,
तो तुम बहुत कुछ पाओगे
वरना बहुत कुछ खोओगे,
और बहुत कुछ अपने हाथों से गँवाओगे।