प्यार के समुद्र में सब डूबना चाहते है,
प्यार में कुछ खोते है तो कुछ पाते है,
प्यार तो एक गुलाब है जिसे सब तोड़ना चाहते है,
हम तो इस गुलाब को चूमना चाहते है।
चेहरा आपका खिला रहे गुलाब की तरह,
नाम आपका रोशन रहे आफताब की तरह,
ग़म में भी आप हँसते रहे फूलों की तरह,
अगर हम इस दुनिया में न रहें आज की तरह।
फूलों जैसी लवों पर हँसी हो,
जीवन में आपको कोई न बेबसी हो,
ले आये हम प्यारा सा गुलाब आपके लिए,
बस इस गुलाब जैसी प्यारी आपकी जिंदगी हो।
तुम्हारी अदा का क्या जवाब दू,
क्या खूबसूरत सा उपहार दू,
कोई तुमसे प्यारा गुलाब होता तो लाते,
जो खुद गुलाब है उसको क्या गुलाब दू।
मेरा हर ख्वाब आज हक़ीकत बन जाये,
जो हो बस तुम्हारे साथ ऐसी जिंदगी बन जाये,
हम लाये लाखों में एक गुलाब आपके लिए,
और ये गुलाब मुहब्बत की शुरूआत बन जाये।
गुलाब की खूबसूरती भी फिकी सी लगती है,
जब तेरे चेहरे पर मुस्कान खिल उठती है,
यूँही मुस्कुराते रहना मेरे प्यार,
तू तेरी खुशियों से मेरी साँसे जी उठती है।
पत्ती पत्ती गुलाब बन जाती,
हर कली मेरा ख्वाब बन जाती,
अगर आप डाल देती अपनी महकदा नज़रे इन पर,
तो सुबह की ओस भी शराब बन जाती।
ऐ हसीन, मेरा गुलाब कबूल कर,
हम तुमसे बेइन्तहा इश्क़ करते है,
अब नहीं इस ज़माने की परवाह हमको,
हम अपने इश्क़ का इज़हार करते है।
मेरा हर ख्वाब आज हक़ीक़त बन जाये,
जो हो बस तुम्हारे साथ ऐसी ज़िन्दगी बन जाये,
हम लाये लाखो में एक गुलाब तुम्हारे लिए,
और ये गुलाब मुहब्बत की शुरुआत बन जाये।
गुलशन का हर एक गुलाब परखा हम ने,
फिर चुना एक गुलाब है,
लाये बड़े प्यार से है जिसके लिए,
वो खुद एक खूबसूरत गुलाब है।
चला जा रे मैसेज बन के गुलाब,
होगी सच्ची दोस्ती तो आएगा जवाब,
अगर ना आये तो मत होना उदास,
बस समझ लेना की वक्त नहीं था उनके पास।
सोच रहे है तुमको अपना प्यार कैसे भेजे,
ढूंढ के लाया हूँ जो खुशबू वो उस पार कैसे भेजे,
सँजो के रखी है जो मोहब्बत अपनी इस गुलाब में
सोच रहे है वो गुलाब आपके पास कैसे भेजे।
हुस्न और खुशबु का सबब हो तुम,
ऐसा खिलता हुआ गुलाब हो तुम,
तुम जैसा हसीन ना होगा इस जहां में,
तमाम हसीनों में लाजवाब हो तुम।
गुलाब खिलता रहे जिंदगी की राहों में,
हंसी चमकती रहें आपकी निगाह में,
कदम कदम पर मिले ख़ुशी ही बाहर आपको,
दिल देता है ये दुआ भर भर आपको।
बड़ी नाजुक से पली हो तुम,
तभी तो गुलाब सी खिली कली हो तुम,
जिससे मिलने को बेकरार है हम,
दिल मैं आने वाली खलबली हो तुम।
गुलाब लाये है तेरे दीदार के लिए,
पर वो भी मुरझा गया तेरे नूर के आगे,
तू ऐसा खूबसूरत हिरा है,
की कोहिनूर भी सोचे तुझे पाने के लिए।
लफ्जों की तरह तुझे किताबों में मिलेंगे
बन के महक तुझे गुलाबों में मिलेंगे,
खुद को कभी अकेला मत समझना,
हम तुझे तेरे दिल में या तेरे ख्यालों में मिलेंगे।
ये रोज डे रोज रोज आये,
तू भी मुझे मिलने फिर यु रोज आये,
लेकर गुलाब हाथों में मेरे नैनों से नैन मिलाये,
और ये तेरा दीवाना तेरी झील सी आँखों में डूब जाये।
मेरी दीवानगी की कोई हद नहीं,
तेरी सूरत के सिवा मुझे कुछ याद नहीं,
मैं गुलाब हूँ तेरे गुलशन का,
तेरे सिवाए मुझपर किसी का हक़ नहीं।
अगर छू जाए मेरे गुलाब की खुशुबू आपको,
तो एतबार जरूर करना, हम से ना नहीं,
पर गुलाब से हमारे प्यार जरूर करना,
हम तो समझ जाएंगे आपकी आँखों को भी,
बस अपनी आँखों से ही इजहार जरूर करना।